28 मार्च 2009
अमेरिका में घटेगा कॉटन का रकबा
अमेरिका में इस साल कॉटन का बुवाई रकबा घट सकता है। ब्लूमबर्ग द्वारा कराए गए सर्वे के मुताबिक पिछले एक साल में कॉटन की कीमतों में आई गिरावट की वजह से किसानों का रुझान इसकी बुवाई से घट सकता है। टेक्सास और दूसर इलाकों में सूखे की वजह से भी कॉटन के बुवाई रकबे पर असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक इस साल यहां किसान करीब 85.26 लाख एकड़ में कॉटन की खेती कर सकते हैं। जो साल 1983 के बाद का सबसे कम रकबा है। पिछले साल यहां करीब 94.7 लाख एकड़ में कॉटन की बुवाई हुई थी। पिछले महीने नेशनल कॉटन काउंसिल ने इस साल करीब 81.1 लाख एकड़ में कॉटन की बुवाई होने का अनुमान जताया था। गौरतलब है कि अमेरिका में टेक्सास कॉटन का सबसे बड़ा उत्पादक क्षेत्र है। मौजूदा समय में यहां के कई इलाकों में सूखा पड़ा हुआ है। ऐसे में यहां सोयाबीन और मक्के के साथ कॉटन की बुवाई पर भी असर पड़ने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका दुनिया में सबसे बड़ा कॉटन का निर्यातक देश है। एफसी स्टोन एलसीसी के अर्थशास्त्री गेर रैनेस के मुताबिक बुवाई घटने से इस साल यहां कॉटन का रकबा करीब 84 लाख एकड़ रह सकता है। पिछले एक साल के दौरान वैव्श्रिक बाजार में कॉटन, सोयाबीन और मक्के की कीमतों में भारी गिरावट आई है। पिछले साल जुलाई में सीबॉट में सोयाबीन करीब 16.367 डॉलर प्रति टन के उच्च स्तर पर कारोबार किया था। जिसमें करीब 42 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। वहीं मक्के के भाव में करीब 51 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। (Business Bhaskar)
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