मुंबई 03 18, 2009
भारत में बिनौला के तेल का उत्पादन 6.35 प्रतिशत बढ़कर 2008-09 में 13.4 लाख टन हो गया, जबकि पिछले साल का कुल उत्पादन 12.6 लाख टन था।
कपास के उत्पादन में लगातार बढ़ोतरी जारी है, इसी अनुपात में पिछले तीन साल से बिनौला तेल का उत्पादन भी लगातार बढ़ रहा है। बिनौला तेल देश के तेल उत्पादन में अहम भूमिका निभाता है।
आल इंडिया कॉटनसीड क्रशर्स एसोसिएशन के मुताबिक अभी भी बिनौला तेल को खाद्य तेल के रूप में पहचान नहीं हासिल हुई है। इसका महत्व इसलिए और बढ़ जाता है कि वर्ष 2007-08 के दौरान भारत को 5.6 लाख टन खाद्य तेल का आयात करना पड़ा था।
वर्तमान में कपास बीज (बिनौले) का प्रयोग पशुओं के चारे के रूप में किया जाता है। इसकी बुआई का मुख्य उद्देश्य तेल के लिए प्रसंस्करण और अन्य उप उत्पाद जैसे खली आदि तैयार किया जाता है। बिनौला तेल एजेंसियों का कहना है कि अगर आधुनिक प्रसंस्करण तकनीक का प्रयोग किया जाए, तो मौजूदा कच्चे माल से ही उत्पादन 50 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है। (BS Hindi)
19 मार्च 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें