25 मार्च 2009
चीनी का थोक मूल्य लागत से भी कम, मिलों का बढ़ा गम
नई दिल्ली : भारत में पहली बार चीनी का थोक मूल्य इसकी उत्पादन लागत से कम हो गया है। चीनी की थोक कीमतों में ऐसे वक्त गिरावट आई है जब इसकी घरेलू बाजार में खपत और उत्पादन के बीच भारी अंतर बना हुआ है। साल 2008-09 सीजन में देश में चीनी का उत्पादन करीब 155 लाख टन होने की उम्मीद है जबकि इसकी खपत 220 लाख टन के स्तर पर बनी हुई है। यही नहीं अनुमान के मुताबिक, साल 2009-10 के सीजन में चीनी का उत्पादन 200 लाख टन रहने की उम्मीद है।घरेलू बाजार में चीनी की सप्लाई को ठीक बनाए रखने के लिए सरकार ने इंडस्ट्री को साल 2009-10 के लिए 40 लाख टन कच्ची चीनी के आयात की इजाजत दी है। सरकार ने इसके आयात को सितंबर 2009 तक के लिए बढ़ा भी दिया है। शुगर इंडस्ट्री की मांग है कि रिफाइंड चीनी के री-एक्सपोर्ट के लिए बाध्य किए बिना अतिरिक्त कच्ची चीनी के आयात करने की नीति में बदलाव हो क्योंकि इससे कीमतों में और ज्यादा गिरावट आएगी।साल 2007-08 सीजन में 265 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। जबरदस्त उत्पादन की वजह से तब इसकी कीमतें निचले स्तर पर रही थीं। साथ ही अगले साल के लिए बचे हुए स्टॉक की मात्रा भी 80 लाख टन थी। साल 2008-09 चीनी सीजन (अक्टूबर से सितंबर तक) में मांग से सप्लाई पर दबाव बना और इससे चीनी की कीमतें ऊपर चढ़ीं। उत्पादन में कमी और मांग में इजाफे के चलते चीनी की ग्लोबल सप्लाई में 43 लाख टन से लेकर 96 लाख टन तक की कमी रह सकती है। हालांकि, सरकार लोकसभा चुनाव तक चीनी के दाम को काबू में रखना चाहती है। इसी वजह से कच्ची चीनी के शुल्क मुक्त आयात और स्टॉक की सीमा तय की गई है। उत्तरप्रदेश में चीनी की एक्स-फैक्ट्री कीमतें पिछले एक पखवाड़े से 22.50 रुपए प्रति किलो के स्तर पर चल रही हैं। महाराष्ट्र में यह 19 रुपए प्रति किलो है। हालांकि उत्पादन लागत से ज्यादा रकम हासिल करने के लिए चीनी की थोक कीमतें कम से कम 25 रुपए प्रति किलो के स्तर पर होनी चाहिए। देश के कुछ हिस्सों में चीनी की खुदरा कीमतें (थोक मूल्य और रीटेलर के मार्जिन का जोड़) कुछ हफ्ते पहले 29 रुपए प्रति किलो चल रही थीं, जो अभी 24-25 रुपए किलो है। चीनी कंपनियों को लग रहा है कि बाजार में खरीदारों की कमी है और कमोडिटी एक्सचेंजों में इसके भाव के कम होने से साफ संकेत मिल रहा है कि चीनी की मांग स्थिर है और बाजार का सेंटीमेंट काफी खराब है। (ET Hindi)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें