लखनऊ March 28, 2009
उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन इस साल गिरकर 40 लाख टन रह गया है, जबकि पेराई का मौसम खत्म होने को है।
वर्ष 2006-07 और वर्ष 2007-08 में उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन क्रमशत 85 लाख टन और 74 लाख टन था।
गन्ना विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि इस सत्र में कुल 132 चीनी मिलों ने पेराई का काम शुरू किया था, जिनमें से 120 पहले ही बंद हो चुकी हैं और सहारनपुर, मुजफ्फरपुर जिलों में चल रही 12 मिलें इस हफ्ते बंद हो जाएंगी।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चीनी मिलों ने इस साल 450 लाख टन गन्ने की पेराई की है, जिससे 40.08 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है। चीनी रिकवरी का प्रतिशत भी कम होकर 8.91 प्रतिशत हो गया है। उत्तर प्रदेश में अकेले एक साल में चीनी की खपत 50 लाख टन है।
अधिकारी ने कहा कि चीनी का कुल उत्पादन इस साल 40 लाख टन से थोड़ा ही ज्यादा रहने का अनुमान है। गन्ने की कमी की वजह से इस साल प्रदेश की चीनी मिलों ने क्षमता से कम पेराई की है। उत्तर प्रदेश में 2008-09 में गन्ने के उत्पादन में करीब 30 प्रतिशत की गिरावट आई है, क्योंकि प्रदेश के किसानों ने गन्ने की बजाय अनाजों और तिलहन में ज्यादा रुचि दिखाई।
वर्तमान में राजधानी लखनऊ में चीनी का खुदरा मूल्य 25 रुपये प्रति किलो है। चीनी का उत्पादन कम होने की वजह से आने वाले दिनों में चीनी की कीमतें और बढ़ने का अनुमान है। (BS Hindi)
28 मार्च 2009
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