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03 मार्च 2009

निर्यात रोक से एक साल में चावल के भाव में भारी कमी

गैरबासमती चावल के निर्यात पर पाबंदी के चलते पिछले एक साल में इसके दाम करीब पचास फीसदी तक सस्ते हो चुके हैं। इस साल धान की बंपर फसल और कमजोर ग्राहकी की वजह से एक माह के दौरान ही गैरबासमती चावल के दाम 10 से 12 फीसदी तक घट चुके हैं। पिछले साल अप्रैल में सुगंधी चावल 5000-5200 रुपये के प्रति क्विंटल के स्तर पर बिक रहा था। अब इसका भाव 2500-2700 रुपये प्रति क्विंटल है। इसी तरह शरबती चावल 3500-3600 रुपये से गिरकर 1900-2100 रुपये रह गया है। दिल्ली व्यापार महासंघ के चेयरमैन और चावल कारोबारी ओमप्रकाश जैन ने बिजनेस भास्कर को बताया कि सरकार ने पिछले साल अप्रैल माह में गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिसकी वजह से एक साल के दौरान गैर-बासमती चावल के दाम 50 फीसदी तक घट चुके हैं। दिल्ली खारी बावली स्थित ग्रेन बाजार में एक साल के दौरान गैर बासमती चावल में सुगंधा 5000-5200 रुपये से गिरकर 2500-2700 रुपये, शरबती 3500-3600 रुपये से गिरकर 1900-2100 रुपये और पीआर-11 2400-2500 रुपये से गिरकर 1700-1750 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। जबकि पिछले एक माह के दौरान इसके मूल्यों में 12 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी हैं। सरकार के द्वितीय अग्रिम अनुमान अनुसार वित्त वर्ष 2008-09 में देश में 988.9 लाख टन चावल का उत्पादन होने का अनुमान है। जो सरकार के 970 लाख टन उत्पादन के लक्ष्य से अधिक हैं। जबकि पिछले वित्त वर्ष में 964.3 लाख टन चावल का उत्पादन हुआ था। गैर बासमती चावल के निर्यात पर पांबदी लगने से चालू वित्त वर्ष में गैरबासमती चावल का निर्यात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2007-08 के अप्रैल-जनवरी महीने के दौरान 47 लाख टन गैर बासमती चावल का निर्यात हुआ था। जबकि समान अवधि में वर्ष 2008-09 के सिर्फ 7.44 गैरबासमती चावल का निर्यात हुआ है। यह निर्यात रोक से पहले हो गया था। हनुमान ट्रेडर्स के सुशील कुमार गुप्ता का कहना है कि घरेलू मांग के मुकाबले इसकी बंपर फसल होने के कारण गैर बासमती चावल के मूल्यों में लगातार गिरावट आ रही है। उनका कहना है कि इसके मूल्यों में तेजी तभाी आ सकती है जब सरकार निर्यात पर लगी पांबदी हटा दे। इस पर ओमप्रकाश का कहना है कि संसदीय चुनाव नजदीक होने के कारण फिलहाल निर्यात पर रोक हटना संभव नहीं है। उनका मानना है कि अब अगले सीजन में ही कुछ फैसला होगा। (Business Bhaskar)

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