03 मार्च 2009
बंपर पैदावार से सरसों थोक में सस्ती पर फुटकर में तेल महंगा
चालू रबी सीजन में सरसों की बंपर पैदावार जहां किसानों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है वहीं आम उपभोक्ता भी राहत महसूस नहीं कर रहा है। बपंर पैदावार की वजह से उत्पादक मंडियों में सरसों के दाम पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 800 से 900 रुपये प्रति क्विंटल तक नीचे आ गए हैं लेकिन आम उपभोक्ता को अभी भी सरसों का तेल 74 से 105 रुपये प्रति किलो के भाव पर ही मिल रहा है।सरसों व्यापारी निरंजन लाल ने बिजनेस भास्कर को बताया कि सरसों की दैनिक आवक उत्पादक राज्यों में बढ़कर पांच से साढ़े पांच लाख बोरी की हो गई है तथा उत्पादक मंडियों में कंडीशन की सरसों (42 प्रतिशत तेल) के दाम घटकर 2000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। पिछले वर्ष की समान अवधि में इसके भाव 2800 से 2900 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे थे। केंद्र सरकार द्वारा जारी दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक चालू रबी सीजन में देश में सरसों की पैदावार बढ़कर 69 लाख टन होने की संभावना है। पिछले वर्ष देश में इसकी पैदावार 58 लाख टन की हुई थी। हालांकि चालू वर्ष में पैदावार तो बढ़ी है लेकिन बकाया स्टॉक नगण्य है। पिछले वर्ष नई फसल की आवक के समय सरसों का करीब पांच लाख टन का बकाया स्टॉक था। सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में चालू रबी सीजन के लिए 30 रुपये की बढ़ोतरी कर भाव 1830 रुपये प्रति क्विंटल तय किए हैं।दिल्ली वेजिटेबल ऑयल ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव हेमंत गुप्ता ने बताया कि चालू तेल वर्ष की पहली तिमाही में देश में खाद्य तेलों का रिकार्ड आयात हुआ। इसके आगे घरेलू खाद्य तेलों में मांग काफी कमजोर है जिसके कारण सरसों और सरसों तेल में भारी गिरावट का रुख बना हुआ है। पिछले डेढ़ महीने में सरसों के भावों में लगभग 650 रुपये की भारी गिरावट आकर भाव 2000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। जबकि सरसों तेल के भाव इस दौरान थोक बाजार में 62-63 रुपये से घटकर 48 से 49 रुपये प्रति किलो रह गए। लेकिन फुटकर बाजार में यह गिरावट गायब है। उपभोक्ता मामले विभाग की दैनिक भाव लिस्ट पर नजर डालें तो सरसों तेल के भाव अभी भी फुटकर में 74 रुपये प्रति किलो चल रहे हैं जबकि पहली जनवरी को इसके भाव 77 रुपये प्रति किलो थे। उधर रिटेल स्टोरों पर अभी भी सरसों तेल के दाम 78 से 105 रुपये प्रति किलो चल रहे हैं।दिल्ली में कंडीशन की सरसों के भाव घटकर 2100 से 2110 रुपये प्रति क्विंटल रह गए तथा पिछले एक सप्ताह में ही यहां इसके भावों में 200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट देखी गई। सॉल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के मुताबिक वर्ष 2008-09 तेल वर्ष की पहली तिमाही में देश में खाद्य तेलों का रिकार्ड आयात 21.9 लाख टन का हुआ है। पिछले वर्ष की समान अवधि में खाद्य तेलों का आयात 12.5 लाख टन का हुआ था। आयातित खाद्य तेलों के आयात पर शुल्क लगने की संभावनाओं के चलते ही आयातकों ने पिछले दिनों भारी मात्रा में आयात किया। (Business Bhaksar...R S Rana)
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