18 मार्च 2009
म्यांमार की तेजी से अरहर घरेलू बाजार में भी महंगी
अरहर की घरेलू पैदावार हल्की के चलते म्यांमार के निर्यातक अपनी शर्ते थोपने लगे हैं। वहां के निर्यातक अप्रैल तक के सौदे ऊंचे दामों पर कर रहे हैं जबकि मई व जून के सौदे अभी करने से बच रहे हैं। म्यांमार की आयातित अरहर पर तेजी की दोहरी मार पड़ रही है। डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होने से भी अरहर का आयात महंगा पड़ रहा है। इसके अलावा मंडियों में घरेलू आवक भी हल्की है। इससे पिछले पंद्रह दिनों में अरहर के भाव में 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है। आगामी दिनों में इसके मौजूदा भावों में और भी 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी की संभावना है।दलहन आयातक संतोष उपाध्याय ने बिजनेस भास्कर को बताया कि म्यांमार के निर्यातकों ने अरहर की मार्च-अप्रैल शिपमेंट डिलीवरी की कीमतें बढ़ाकर 610-615 डॉलर प्रति टन बोलनी शुरू कर दी हैं। मार्च महीने के शुरू में इसके दाम 570-580 डॉलर प्रति टन थे। इसी के परिणामस्वरूप घरेलू बाजार में अरहर के भावों में तेजी का रुख बन गया है। चालू वित्त वर्ष में अभी तक सरकारी एजेंसियों एमएमटीसी, पीईसी, एसटीसी और नाफेड ने लगभग 84,140 टन अरहर के आयात सौदे किए हैं। जबकि प्राइवेट कंपनियों ने इस दौरान 50-60 हजार टन का आयात किया है। उन्होंने बताया कि दलहन निर्यातकों की बिकवाली कम आने से घरेलू बाजारों में इसके दामों में और भी तेजी की संभावना है। इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपये में आई गिरावट से आयात महंगा पड़ने से तेजी को बल मिल रहा है। हालांकि मार्च-अप्रैल महीने में सरकारी कंपनियों द्वारा घरेलू बाजारों में बिकवाली बढ़ाने की संभावना है। मुंबई में आयातित अरहर के दाम बढ़कर 3171 रुपये प्रति क्विंटल हो गए जबकि दो मार्च को मुंबई में इसके भाव 2950 रुपये प्रति क्विंटल थे। दाल मिलर्स सुनील बंदेवार ने बताया कि प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश की उत्पादक मंडियों में सप्ताहांत तक अरहर की दैनिक आवक घटकर 48 से 50 हजार बोरी की रह गई जबकि चालू महीने के शुरू में इसकी दैनिक आवक करीब 80 से 90 हजार बोरी की हो रही थी। आयातित अरहर के दामों में बढ़ोतरी और घरेलू मंडियों में आवक घटने से पिछले पंद्रह दिनों में इसके भाव में 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आकर गुलबर्गा मंडी में भाव 3500 से 3550 रुपये, लातूर मंडी में 3500 रुपये, जलगांव में 3375 से 3400 रुपये और जालना मंडी में 3400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। जलगांव दाल मिलर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कोगता ने बताया कि प्रतिकूल मौसम से चालू फसल सीजन में देश में अरहर की पैदावार में भारी कमी आने की संभावना है। जबकि म्यांमार से बिकवाली कम आने से भी इसकी तेजी को बल मिल रहा है। केंद्र सरकार द्वारा जारी उत्पादन अनुमान के अनुसार चालू फसल सीजन में देश में अरहर की पैदावार घटकर 23 लाख टन ही होने की संभावना है। पिछले वर्ष देश में इसकी पैदावार 30 लाख टन की हुई थी। (Business Bhaskar)
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