14 मार्च 2009
हल्दी में तेजी बरकरार रहने के आसार
नई दिल्ली. उत्पादक मंडियों में हल्दी की दैनिक आवक बढ़ने के बावजूद निर्यातकों की मांग अच्छी होने के कारण पिछले पंद्रह दिनों में इसकी कीमतों में 200 से 250 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है।चालू वित्त वर्ष के पहले दस महीनों में देश से हल्दी के निर्यात में लगभग 15 फीसदी की बढ़ोतरी रही। चालू फसल सीजन में देश में हल्दी की कुल उपलब्धता पिछले साल से कम रहने की उम्मीद है जिसके कारण स्टॉकिस्टों की मांग भी अच्छी बनी हुई है। ऐसे में आगामी दिनों में आवक का दबाव बनने पर मौजूदा भावों में हल्की गिरावट तो संभव है लेकिन भारी गिरावट के आसार नहीं है।हल्दी की पैदावार और बकाया स्टॉकनिजामाबाद मंडी के हल्दी व्यापारी पूनम चंद गुप्ता ने बताया कि चालू सीजन में देश में हल्दी की पैदावार 42 लाख बोरी (एक बोरी 70 किलो) होने की संभावना है जबकि पिछले वर्ष इसकी पैदावार 43 लाख बोरी की हुई थी। हालांकि पैदावार में तो पिछले साल के मुकाबले ज्यादा कमी आने का अनुमान नहीं है लेकिन उत्पादक मंडियों में बकाया स्टॉक इस समय मात्र पांच से छह लाख बोरी का ही बचा है। पिछले वर्ष नई फसल की आवक के समय बकाया स्टॉक 13 से 14 लाख बोरी का बचा था। अत: उत्पादन और बकाया स्टॉक मिलाकर चालू सीजन में कुल उपलब्धता 47 से 48 लाख बोरी की होगी। घरेलू और निर्यात को मिलाकर सालाना हल्दी की कुल खपत करीब 46 से 47 लाख बोरी की होती है। ऐसे में अगले वर्ष नई फसल के समय बकाया स्टॉक लगभग न के बराबर बचेगा। इसलिए चालू सीजन में हल्दी के भाव तेज ही बने रहने की संभावना है।उत्पादक मंडियों में आवकइरोड़ हल्दी व्यापारी एसोसिएशन के सदस्य सुभाष चंद ने बताया कि इरोड़ मंडी में हल्दी की दैनिक आवक बढ़कर लगभग 20 हजार बोरियों की हो गई है। लेकिन निर्यातकों के साथ-साथ स्टॉकिस्टों की मांग अच्छी होने से यहां हल्दी के बिल्टीकट भाव बढ़कर 4600 से 4700 रुपये प्रति क्विंटल हो गये। पिछले पंद्रह दिनों में इसमें करीब 200 से 250 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है। निजामाबाद मंडी में इस दौरान हल्दी की दैनिक आवक बढ़कर करीब 10 हजार बोरी हो गई तथा यहां इसके भावों में 250 रुपये की तेजी आकर बिल्टीकट भाव 4300 रुपये प्रति क्विंटल हो गये। पिछले वर्ष की समान अवधि में निजामाबाद मंडी में हल्दी के भाव 3000 रुपये प्रति क्विंटल थे। उन्होंने बताया कि अन्य उत्पादक मंडियों वारंगल, नांनदेड़, डुग्गीराला, सेलम और बुरहानपुर में अगले आठ-दस दिनों में आवक शुरू हो जाएगी तथा निजामाबाद और इरोड़ में भी आवक का दबाव बनना शुरू हो जाएगा। हालांकि आवक का दबाव बनने पर हल्दी के मौजूदा भावों में हल्की गिरावट तो आ सकती है लेकिन पैदावार में कमी और निर्यातकों की अच्छी मांग को देखते हुए पूरे सीजन भाव तेज ही बने रह सकते हैं।निर्यात में बढ़ोतरीभारतीय मसाला बोर्ड के सूत्रों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से जनवरी तक भारत से हल्दी के निर्यात में 15 फीसदी की बढ़ोतरी रही और यह 47,000 टन तक पहुंच गया। पिछले वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 40,715 टन का हुआ था। इस तरह से पिछले साल के मुकाबले 6,285 टन हल्दी का ज्यादा निर्यात हुआ है। इस समय भी हल्दी में निर्यातकों की मांग अच्छी बनी हुई है।वायदा बाजार में तेजीनेशनल कमोडिटी डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) में निवेशकों की खरीद बढ़ने से तेजी का रुख देखने को मिल रहा है। एनसीडीईएक्स में अप्रैल महीने के वायदा भाव बढ़कर 4700 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं तथा इसमें करीब 30,930 लॉट के सौदे खड़े हुए हैं। (Business Bhaskar...R S Rana)
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