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04 मार्च 2009

पिट गए ब्रांडेड डीजल और पेट्रोल

नई दिल्ली March 04, 2009
ब्रांडेड ईंधन की बिक्री (खासकर डीजल) में इस साल के दौरान करीब 13 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इसकी प्रमुख वजह ज्यादा उत्पाद शुल्क और मांग में आई सामान्य कमी है।
जून 2008 में सरकार ने नान-ब्रांडेड डीजल और पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 1 रुपये प्रति लीटर कम कर दिया था। वहीं ब्रांडेड उत्पादों पर लगने वाले कर में कोई बदलाव नहीं किया गया।
यह गिरावट इसलिए और भी महत्वपूर्ण बन जाती है, क्योंकि ब्रांडेड ईंधन सरकारी मूल्य नियंत्रण से मुक्त है। वास्तव में ब्रांडेड डीजल और पेट्रोल पहले उत्पाद थे, जिन पर कच्चे तेल की कीमतें 2 अंकों तक आने पर कंपनियों ने भारी मुनाफा कमाया था। यह मुनाफा तब हुआ तब पिछले साल जुलाई में कीमतें 142 डॉलर प्रति बैरल के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद कीमतें घटने लगीं।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जनवरी माह के दौरान ब्रांडेड डीजल की बिक्री 42.3 लाख टन रही, वहीं पिछले साल 2007-08 के दौरान कुल बिक्री 58.4 लाख टन रही थी। अगर बिक्री का मासिक औसत देखा जाए तो चालू वित्त वर्ष के दौरान इसकी बिक्री 423,000 टन रही, जबकि इसके पहले के साल में 486,000 टन रही थी। इस लिहाज से 13 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
बहरहाल अप्रैल-जनवरी के दौरान कुल डीजल की खपत को देखें तो इसमें 8.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके साथ ही ब्रांडेड पेट्रोल की खपत में केवल 2.18 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसकी बिक्री का मासिक औसत 2007-08 में 274,000 टन था, जबकि इस साल के दौरान मासिक औसत 286,000 टन रहा। इसी के साथ पेट्रोल के कुल खपत में अप्रैल-जनवरी माह के दौरान 7.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
इंडियन ऑयल कार्पोरेशन (आईओसी) के निदेशक (विपणन) जीसी डागा ने कहा, 'इस साल कुल मिलाकर जो परिदृष्य बना है, उसमें ब्रांडेड ईंधन की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है। इसकी प्रमुख वजह यह है कि ब्रांडेड ईंधन पर उत्पाद शुल्क ज्यादा है।
बहरहाल हाल ही में हमने इसकी कीमतों में कटौती की है और फरवरी में बिक्री, जनवरी माह की तुलना में ज्यादा है। इसके साथ ही हम ब्रांडेड ईंधन को लेकर जागरूकता कार्यक्रम चलाने जा रहे हैं, इसके बाद बाजार बढ़ने की उम्मीद है।'
ब्रांडेड डीजल के कारोबार में आईओसी की बाजार हिस्सेदारी 60 प्रतिशत है। साथ ही इसके एक्सट्रामाइल और एक्सट्राप्रीमियम ब्रांड के साथ पेट्रोल में इसकी हिस्सेदारी 48 प्रतिशत है। जनवरी-फरवरी के दौरान कंपनियों ने ब्रांडेड डीजल और पेट्रोल की कीमतों में 1-2.50 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती की है।
तेल विपणन कंपनियों के मुताबिक पेट्रोल और डीजल के कारोबार में ब्रांडेड सेग्मेंट की हिस्सेदारी करीब 15 प्रतिशत है। ऐसा माना जाता है कि ब्रांडेड ईंधन का प्रदर्शन ऑटो ईंधन में बेहतर होता है और इससे अधिक माइलेज मिलती है। इसके प्रयोग से इंजिन का प्रदर्शन भी बेहतर होता है। ब्रांडेड डीजल 1.75 रुपये प्रति लीटर और ब्रांडेड पेट्रोल करीब 2 रुपये प्रीमियम पर बेचा जाता है। (BS Hindi)

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