मुंबई March 07, 2009
गेहूं के उत्पादन में 6 प्रतिशत की कमी के अनुमानों के बावजूद वैश्विक रूप से इसकी कीमतें लगभग स्थिर रहेंगी। इसकी प्रमुख वजह यह है कि 2009 में पहले के सीजन का अग्रिम स्टॉक समर्थन देगा।
रोबोबैंक की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में गेहूं के उत्पादन 2009-10 के दौरान गिरकर 6400 लाख टन रह जाएगा। इसके पहले के साल में गेहूं का वैश्विक उत्पादन 6830 लाख टन था।
लेकिन 140 लाख टन अग्रिम स्टॉक के रूप में बचा है, जो पिछले साल की तुलना में 3 प्रतिशत कम है। इससे कीमतों में उछाल नहीं आएगा। इसके साथ ही दुनिया भर में गेहूं के खपत का अनुपात भी 22 प्रतिशत से 1 प्रतिशत नीचे आएगा।
इस भविष्यवाणी से भारतीय नीति नियामकों को भी बहुत राहत मिलेगी, जो हाल ही में अनुमान लगा रहे थे कि उत्पादन में कमी आने की वजह से गेहूं की कीमतें बढ़ सकती हैं। भारत ने पहले से ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदकर बेहतर बफर स्टॉक जमा किया है।
यहां पर अनुमान लगाया गया है कि गेहूं के उत्पादन में 2009-10 के दौरान 4.34 प्रतिशत की गिरावट आएगी। सरकार ने पिछले रबी मौसम में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 80 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 1080 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया था। (BS Hindi)
07 मार्च 2009
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