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14 मार्च 2009

मांग की कमी से सोयाबीन में तेजी के आसार नहीं : सोपा

नई दिल्ली. सोयाबीन की कीमतों में और तेजी की संभावना कम है। वहीं किसानों द्वारा आवक रोकने की वजह से सोयामील के निर्यात में करीब 20 फीसदी की गिरावट आने की आशंका जताई जा रही है। आने वाले दिनों में भाव बढ़ने की उम्मीद से किसान सोयाबीन की आवक रोक रहे हैं। सोपा के प्रवक्ता राजेश अग्रवाल ने बताया कि किसानों को यदि आने वाले दिनों में सोयाबीन में तेजी की संभावना लग रही है तो वे गलत सोच रहे हैं। दरअसल मांग में कमी वजह से सोयाबीन के भाव में तेजी के आसार कम हैं। मांग में आई कमी की वजह से वैश्विक स्तर पर सोयाबीन के स्टॉक में इजाफा होने की संभावना जताई जा रही है। अमेरिकी कृषि विभाग के मुताबिक अगले सीजन के लिए सोयाबीन के बकाया स्टॉक में भी इजाफा हो सकता है। इस साल 30 सिंतबर को वैश्विक स्तर पर सोयाबीन का स्टॉक करीब 4.99 करोड़ टन रहने का अनुमान है। जबकि पिछले साल बकाया स्टॉक करीब 4.98 करोड़ टन था। आंकड़ों के मुताबिक इस साल सोयाबीन की खपत में करीब 1.7 फीसदी की गिरावट देखी जा सकती है। जानकारों का मानना है कि ऐसे में कीमतों में तेजी के आसार नहीं है। किसानों द्वारा सोयाबीन की आवक रोकने की वजह से सोयामील के निर्यात में भी गिरावट आने की संभावना जताई जा रही है। राजेश अग्रवाल के मुताबिक इस साल 30 सितंबर तक करीब 40 लाख टन सोयामील का निर्यात होने की संभावना है। जबकि पिछले साल अक्टूबर में पचास लाख टन निर्यात होने की संभावना जताई गई थी। पिछले सीजन के दौरान करीब 49 लाख टन सोयामील का निर्यात हुआ था। हालांकि भारत से सोयामील की सप्लाई घटने की वजह से सीबॉट में इसके भाव में सुधार देखा जा सकता है। साल भर के दौरान इसके भाव में करीब 20 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। चीन में मांग घटने की वजह से सोयामील की कीमतों में गिरावट आई है। पिछले महीने सोयामील के निर्यात में करीब 39 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है। वैश्विक बाजार में भरतीय सोयामील का भाव ऊंचा रहने की वजह से भी निर्यात में गिरावट आ सकती है। मौजूदा समय में साऊथ अमेरिका तुलनात्मक रूप से सस्ती दरों पर सोयामील बेच रहा है। वहीं खरीददार जरूरत के मुताबिक ही लिवाली कर रहे हैं। सीबॉट में सोयामील मई वायदा करीब 0.1 फीसदी की बढ़त के साथ 277.40 डॉलर प्रति टन के भाव कारोबार करता देखा गया। पिछले साल जुलाई में यह करीब 445 डॉलर प्रति टन के उच्चतम स्तर पर था। तब से भाव में करीब 38 फीसदी की गिरावट दर्ज हो चुकी है। (Business Bhaskar)

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