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14 मार्च 2009

स्टॉक सीमा के बाद चीनी सस्ती

नई दिल्ली. केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को चीनी स्टॉक लिमिट लगाने का अधिकार दिए जाने के बाद हाजिर बाजारों में चीनी शुक्रवार को 50 रुपये प्रति क्विंटल सस्ती हो गई। वायदा बाजार में चीनी के भाव 35 रुपये घटाकर बोले गए। उधर गन्ने की कमी से चीनी मिलें जल्दी बंद हो रही हैं। महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में मिलें बंद हो चुकी हैं।बाजार में चीनी के भाव 10 से 50 रुपये प्रति क्ंिवंटल तक नीचे आ गए। एक किस्म मलक नरायन की चीनी 50 रुपये गिरकर 2100 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। तिताबी चीनी 10 रुपये सस्ती होकर 2155 रुपये प्रति क्विटंल रह गई। केंद्र के नए फैसले के बाद राज्य व्यापारियों के लिए चीनी की स्टॉक लिमिट तय कर सकेंगे। दिल्ली में चीनी के मूल्य 2230-2350 रुपये प्रति क्विंटल के बीच बोली गई। हालांकि फुटकर में उपभोक्ताओं को अभी भी चीनी 26-27 रुपये प्रति किलो मिल रही है।हालांकि चीनी के उत्पादन में कमी की खबरें आना अभी जारी है। महाराष्ट्र में इस साल सीजन समाप्त होने से पहले ही अधिकांश चीनी मिलों में गन्ने की पिराई बंद हो गई है। साथ ही पिछले साल की अपेक्षा इस साल चीनी के उत्पादन में लगभग ३क् फीसदी की कमी आ गई है। गन्ने की पिराई का सीजन आमतौर पर हर साल मार्च अंत तक चलता है लेकिन बारिश की कमी के कारण इस बार गन्ने की फसल कम होने से तीन चौथाई से ज्यादा चीनी मिलों में पिराई के लिए गन्ना समाप्त हो चुका है। पिछले साल इस सीजन तक 64 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था जो इस वर्ष घटकर 45 लाख टन हो गया है। इस तरह पिछले साल की अपेक्षा इस साल लगभग 19 लाख टन चीनी का उत्पादन कम हुआ है।महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज फेडरेशन के सचिव अजीत चौगुले ने बिजनेस भास्कर को बताया महाराष्ट्र में इस समय 143 चीनी मिलें हैं जिनमें से लगभग 118 मिलों में गन्ना पिराई का काम समाप्त हो चुका है जबकि 25 मिलों में इस सप्ताह तक का कोटा है। राज्य में पिछले साल की अपेक्षा इस साल गन्ने की फसल कम होने के कारण चीनी का उत्पादन काफी कम हो गया है। राज्य में 12 मार्च तक पिछले साल की तुलना में इस साल 148 लाख टन कम गन्ने की पिराई हो पाई है।पिछले वर्ष इस अवधि तक 535 लाख टन गन्ने की पिराई हुई थी जबकि इस वर्ष 387 लाख टन गन्ने की पेराई हो पाई है। पिछले वर्ष 63.60 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था लेकिन इस साल 44.70 लाख टन ही चीनी का उत्पादन हो पाया है। बताया जाता है कि पिछले दो सालों में गन्ने की पैदावार अधिक हुई थी। हालत यह थी कि पैदावार अधिक होने के कारण पिछले साल लगभग एक लाख टन गन्ने की पिराई नहीं हो पाई थी। इस कारण कुछ किसानों ने इस साल गन्ने की बुवाई कम हुई थी जबकि बारिश की कमी के कारण भी इसके फसल पर बुरा असर पड़ा है। उधर, उत्तर प्रदेश और गुजरात में भी इस साल चीनी का उत्पादन कम हुआ है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश की लगभग 223 चीनी मिलों में पिछले साल 73 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था जो इस वर्ष घटकर 44 लाख टन हो गया है। इसी प्रकार गुजरात की 18 चीनी में इस साल 8 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था जो पिछले साल 10 लाख टन से अधिक था। (Business Bhaskar)

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