04 मार्च 2009
पटनी एंड कंपनी एनसीडीईएक्स की ऑडिटर नियुक्त
मुंबई: कमोडिटी बाजार नियामक फॉरवर्ड मार्केट्स कमीशन (एफएमसी) ने कोलकाता की ऑडिट फर्म पटनी एंड कंपनी को एग्री कमोडिटी एक्सचेंज नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) के खातों की ऑडिटिंग का जिम्मा सौंपा है। एफएमसी हालांकि हर साल सभी एक्सचेंजों की ऑडिटिंग करवाता है लेकिन एनसीडीईएक्स के खातों की जांच का फैसला ऐसे वक्त पर आया है जब इस एक्सचेंज के खिलाफ वित्तीय कुप्रबंधन की घटनाएं सामने आ रही हैं। ईटी ने एनसीडीईएक्स के ऑडिट के बारे में 28 फरवरी को ही रिपोर्ट दे दी थी। एफएमसी के निदेशक संजय लुनिया ने ईटी से कहा, 'एनसीडीईएक्स की ऑडिट का मामला काफी गंभीर है क्योंकि एक्सचेंज के वित्तीय कुप्रबंधन के कई मामले सामने आ चुके हैं। एक या दो हफ्तों में ऑडिट शुरू हो जाएगा जिसमें एक महीने या उससे कुछ ज्यादा वक्त लगेगा।' वित्तीय खातों के अलावा इस निरीक्षण में एक्सचेंज के दैनिक कामकाज की भी समीक्षा की जाएगी। साथ ही रेगुलेटरी नियमों और एक्सचेंज सिस्टम के उल्लंघन के मामलों की भी जांच की जाएगी। पटनी एंड कंपनी को एफएमसी के 60 ऑडिटरों के पैनल में से चुना गया है। लुनिया के मुताबिक, किसी एक्सचेंज के लिए ऑडिटर का चुनाव उसके सदस्यों के ऑडिट के प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है जो कि दो या तीन साल में एक बार कराया जाता है। इस बारे में संपर्क किए जाने पर एनसीडीईएक्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'एक्सचेंज इस कदम का स्वागत करता है।' एनसीडीईएक्स पर वित्तीय कुप्रबंधन के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा, 'खर्चों के बारे में जिन मामलों की बात की गई है उन्हें लेकर हम सहमत नहीं हैं। ये सारे खर्च एक्सचेंज की पूंजी से किए गए हैं। ये मामले पिछली अवधि के हैं और यह हमारा आंतरिक मामला है। इन मामलों को किसी भी तरह से ट्रांजैक्शन शुल्क में हुए बदलाव से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।' वित्तीय कुप्रबंधन के एक मामले में एफएमसी ने अपने ऑर्डर में कहा है कि आंतरिक नियंत्रण के अभाव में एक्सचेंज को दो ब्रोकरों को मुआवजे के तौर पर 74 लाख रुपए देने पड़े हैं। (ET Hindi)
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