मुंबई March 05, 2009
घरेलू सीमेंट उद्योग में अभी कुछ और महीने अच्छी मांग बनी रहेगी। कीमतों के मामले में भी बढ़त बरकरार रहेगी, क्योंकि इस भवन निर्माण सामग्री की मांग बनी हुई है।
पिछले साल नवंबर-दिसंबर माह के दौरान अचानक मांग बढ़ गई थी, जिससे इस उद्योग के विशेषज्ञों को भी आश्चर्य हुआ था। देश में मंदी बनी रहने की चर्चा अभी भी बनी हुई है, लेकिन इस जिंस पर कोई प्रभाव नहीं नजर आ रहा है। इसकी प्रमुख वजह है कि उप नगरीय इलाकों और निजी गृह निर्माण के क्षेत्र में भारी मांग है।
पिछले साल अक्टूबर महीने में इस उद्योग में विकास दर कम होकर 4 प्रतिशत पर आ गई थी, लेकिन उसके बाद विकास दर 8 प्रतिशत हो गई तथा दिसंबर आते आते विकास दर 12 प्रतिशत पर पहुंच गई।
अंबुजा सीमेंट के प्रबंध निदेशक अमृत लाल कपूर ने कहा, 'हम इस समय सीमेंट क्षेत्र में जोरदार मांग देख रहे हैं। इसके साथ ही अगले 3-4 महीनों तक इस परिदृश्य में कोई बदलाव आने की उम्मीद नहीं है। देश के पश्चिमी, उत्तरी और पूर्वी बाजार में मांग बहुत बढ़िया है और हमारी बिक्री लदान से कहीं ज्यादा है।'
कंपनी ने फरवरी महीने में लदान में 11.27 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की और कुल 16.5 लाख टन का लदान हुआ, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 14.8 टन का लदान हुआ था। पूर्व के बाजारों, खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार में मांग बहुत बढ़िया है। इसकी प्रमुख वजह बुनियादी परियोजनाएं हैं। इसकी वजह से ही इन इलाकों के बाजारों में कीमतों में पिछले महीने 5 रुपये प्रति बोरी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
सीमेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और उत्तर भारत की बड़ी सीमेंट कंपनी श्री सीमेंट के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक हरि मोहन बांगुर ने कहा, 'हमारा अनुमान है कि मार्च की लदान में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। देश के नान मेट्रो शहरों में कहीं भी मंदी नहीं है और हाउसिंग सेक्टर में सीमेंट की मांग बहुत बढ़िया है।'
आने वाले महीनों में चुनाव होने वाले हैं और वित्तीय वर्ष का आखिरी समय होने की वजह से विभिन्न निर्माण परियोजनाओं का काम पूरा किया जाना है। सरकार भी कोशिश करेगी कि चुनावों के पहले चल रही परियोजनाएं पूरी हो जाएं। एक विश्लेषक ने कहा कि इस वजह से निश्चित रूप से सीमेंट की मांग में बढ़ोतरी होगी।
एसीसी के मुख्य वाणिज्य अधिकारी जे दत्ता गुप्ता ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, 'रिटेल, उप महानगरीय, कम कीमतों वाली हाउसिंग परियोजनाओं के साथ बुनियादी परियोजनाओं में मांग बढ़ रही है। यह मांग जून तक बरकरार रहेगी और मेरा मानना है कि तब तक कीमतों में स्थिरता बनी रहेगी।'
फरवरी में एसीसी सीमेंट की लदान 17.5 लाख टन रही है, जबकि पिछले साल की समान अपधि में लदान 16.9 लाख टन रही थी। सीमेंट सेक्टर के एक विश्लेषक का कहना है, 'यह उद्योग उम्मीद से बहुत बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।' उन्होंने कहा कि अच्छी मांग का परिदृष्य कम से कम अप्रैल-मई तक बरकरार रहेगा। इसके चलते कीमतों में भी मजबूती बनी रहेगी।
उन्होंने आगे कहा कि मई के बाद आपूर्ति बढ़ जाने की वजह से कीमतों पर दबाव पड़ सकता है। अगले तीन महीनों में अल्ट्रा टेक, ग्रासिम, इंडिया सीमेंट और मद्रास सीमेंट जैसी कंपनियां 130 लाख टन अतिरिक्त उत्पादन करने की तैयारी में हैं।
अकेले फरवरी महीने में सीमेंट की कीमतों में दो बार बढ़ोतरी हुई। औसतन उत्तर भारत में 50 किलो की सीमेंट की एक बोरी की कीमतों में 5-8 रुपये की बढ़त दर्ज की गई है। वहीं पूर्वी और मध्य क्षेत्र में 5-7 रुपये प्रति बोरी की बढ़ोतरी हुई है।
दक्षिण के बाजारों में हालांकि केवल 1-2 रुपये प्रति बोरी की ही बढ़त हुई है और कुछ ऐसी ही स्थिति पश्चिम के बाजारों में भी है। इसके परिणामस्वरूप सीमेंट की एक बोरी की औसत कीमत 230-235 रुपये के बीच है।
पिछले कुछ महीनों में मांग बहुत बेहतर रही, इसे देखते हुए उद्योग जगत के विश्लेषकों का कहना है कि मार्च के आखिर तक इस वित्तीय वर्ष में विकास दर का औसत 8 प्रतिशत हो जाएगी।
पिछले साल नवंबर में बढ़ी मांग अभी कायम
मई तक बरकरार रह सकती है मांग फरवरी में सीमेंट की कीमतें 5 से 8 रुपये प्रति बोरी बढ़ींबढ़ी हुई कीमतें अभी भी बरकरारउप नगरीय, व्यक्तिगत गृह निर्माण में बढ़ी है मांगमई और उसके बाद बढ़ी हुई आपूर्ति आएगीसीमेंट का वर्तमान औसत मूल्य 235 रुपये प्रति बोरी (BS Hindi)
06 मार्च 2009
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