04 दिसंबर 2008
गेहूं, चावल मसूर के वायदा कारोबार पर रोक हट सकती है
मुंबई : सोया तेल , रबर , आलू और चने में वायदा कारोबार जल्द शुरू होने की उम्मीद के साथ ही कमोडिटी बाजार नियामक एफएमसी को उम्मीद है कि अगले साल की शुरुआत में गेहूं , मसूर , और चावल के वायदा कारोबार पर लगी रोक भी हटा ली जाएगी। पिछले साल की शुरुआत में सरकार ने इन कमोडिटी के वायदा कारोबार पर रोक लगा दी थी। सरकार का इनके वायदा कारोबार पर रोक लगाने के पीछे तर्क था कि इससे हाजिर बाजार में इन कमोडिटी की कीमतों में उछाल पैदा हो रहा है। एफएमसी के चेयरमैन बी सी खटुआ ने इन कमोडिटी के वायदा कारोबार पर लगी रोक हटाने के लिए सरकार के पास आवेदन दिया है। खटुआ ने कहा , ' आपूर्ति के मोर्चे पर बना दबाव अब कम हो गया है। साथ ही ज्यादातर कमोडिटी की बुआई क्षेत्र में भी खासा इजाफा हुआ है। हमें पूरी उम्मीद है कि इन कमोडिटी के वायदा कारोबार पर लगी रोक अगले साल फरवरी - मार्च में हटा ली जाएगी। ' चार कमोडिटी में से एनसीडीईएक्स में सबसे ज्यादा कारोबार उड़द का हो रहा था। बाजार में उड़द का 400 करोड़ रुपए का रोजाना कारोबार हो रहा था। इसके मुकाबले गेहूं का कारोबार करीब 70 करोड़ रुपए और तूर का कारोबार करीब 80 करोड़ रुपए रोजाना का था। पाबंदी से पहले चावल में भी वायदा कारोबार ज्यादा नहीं हो रहा था। (BS Hindi)
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