आर एस राणा
नई
दिल्ली। घरेलू बाजार में दालों की कीमतों में गिरावट को रोकने के लिए
केंद्र सरकार ने 4 मई को अरहर, उड़द और मूंग के साबुत तथा प्रोसेस की हुई
दालों के आयात पर रोक लगाई थी लेकिन यह रोक सिर्फ एक सप्ताह तक ही जारी
रही। 11 मई को केंद्र सरकार ने एक बार फिर अधिसूचना जारी कर दी कि अरहर,
उड़द और मूंग का आयात दाल मिलों द्वारा कोटा प्रणाली के तहत किया जायेगा।
ऐसे में सवाल उठता है कि सप्ताहभर में ऐसा क्या हो गया कि फिर से आयात की
अनुमति देनी पड़ी जबकि उत्पादक मंडियों में किसान समर्थन मूल्य से 1,000 से
2,000 रुपये प्रति क्विंटल नीचे भाव पर दालें बेचने को मजबूर हैं।
विदेश
व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी अधिसचूना के अनुसार अरहर,
उड़द और मूंग का आयात अब दाल मिलों द्वारा तय किए गए कोटे के अनुसार किया
जायेगा। 15 मई से 25 मई तक दाल मिलों को इसके लिए आवेदन करना होगा, तथा
पहली जून को केंद्र सरकार कोटा तय कर देगी। उसके बाद हर सप्ताह मिलों को
आयात एवं अनुबंधों की जानकारी देनी होगी तथा तय किए गए कोटे की मात्रा को
31 मार्च 2019 तक आयात करना होगा। दलहन आयात के लिए पहली बार सरकार ने कोटा
प्रणाली लागू की है।
चार मई को लगाई थी रोक
इससे पहले
4 मई को केंद्र सरकार ने अरहर, उड़द तथा मूंग के साबुत या फिर प्रोसेस की
हुई दालों के आयात पर रोक लगाई थी। उससे पहले केंद्र सरकार ने अगस्त 2017
में वित्त वर्ष 2017-18 के लिए अरहर के आयात की 2 लाख टन और उड़द तथा मूंग
के आयात की 3 लाख टन की मात्रा तय की थी।
समर्थन मूल्य से नीचे हैं दलहन के भाव
व्यापारियों
के अनुसार केंद्र सरकार ने कुछ आयातकों को फायदा पहुंचाने के लिए ही
सप्ताहभर में रोक को हटा लिया, जबकि इस दौरान घरेलू बाजार में दालों की
कीमतों में मंदा ही आया है। उत्पादक मंडियों में अरहर के भाव 3,800 से
4,000 रुपये प्रति क्विंटल और उड़द के भाव 3,200 से 3,500 रुपये प्रति
क्विंटल चल रहे हैं जबकि केंद्र सरकार ने इनका समर्थन मूल्य क्रमश: 5,450
रुपये और 5,400 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) तय किया हुआ है। इसी तरह
से मूंग के भाव उत्पादक मंडियों में 4,600 से 4,800 रुपये प्रति क्विंटल है
जबकि मूंग का एमएसपी 5,575 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) है।
केंद्र द्वारा तय मात्रा से अधिक हुआ आयात
कृषि
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार वित्त वर्ष 2017-18 में अप्रैल
से नवंबर के दौरान 4.04 लाख टन अरहर का आया हुआ है जबकि केंद्र सरकार ने
अगस्त में वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 2 लाख टन अरहर आयात की मात्रा कर दी
थी। उन्होंने बताया कि सरकार ने पहले से हुए सौदों के आयात की मंजूरी दे दी
थी, जिसकी वजह से आयात तय मात्रा से ज्यादा हुआ।
आयातित दलहन सस्ती
कर्नाटका
की गुलबर्गा मंडी के दलहन कारोबारी चंद्रशेखर एस नादर ने बताया कि
म्यांमार से आयातित लेमन अरहर के भाव मुंबई पहुंच 3,900 प्रति क्विंटल चल
रहे हैं, जबकि मंडी में देसी अरहर के भाव 4,000 रुपये प्रति क्विंटल है
लेकिन इन भाव में दाल मिलों की मांग नहीं आ रही है। उन्होंने बताया कि 4 मई
को मुंबई बंदराह पर 15 कंंटेनर आयातित अरहर के आए हैं।
रिकार्ड उत्पादन का अनुमान
कृषि
मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2017-18 में दालों का
रिकार्ड उत्पादन 239.5 लाख टन होने का अनुमान है जबकि इसके पिछले साल इनका
उत्पादन केवल 231.3 लाख टन हुआ था।..... आर एस राणा
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