आर एस राणा
नई
दिल्ली। गन्ना किसानों के लिए अभी चीनी कड़वी ही रहेगी, चीनी पर सेस लगाने
का मामला एक फिर लटक गया है, जीएसटी काउंसिल द्वारा गठित असम के वित्त
मंत्री हेमंत बिस्वसर्मा की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह की सोमवार को
दिल्ली में हुई बैठक में इस इस पर कोई फैसला नहीं हो सका।
बैठक
के बाद हेमंत बिस्वसर्मा ने कहा कि चीनी पर सेल लगाने पर मंत्रियों के समूह
में कोई फैसला नहीं हो सका, इस पर अगली बैठक 3 जून को मुंबई में होगी,
उसके बाद 2-3 बैठक और होंगी। उन्होंने बताया कि 15 जून तक मंत्रियों का
समूह अपनी रिपोर्ट फाइनल करेगा। उन्होंने कहा कि हमने इस संबंध में कानून
मंत्रालय से भी सुझाव मांगा हैं कि क्या सेस लगाना उनके अधिकार क्षेत्र में
है। इसके साथ ही खाद्य मंत्री से भी हमने पूछा है कि क्या यह पैसा सीधा
किसानों के पास जायेगा।
सूत्रों के अनुसार केरल के वित्त मंत्री
ने बैठक के बाद कहा कि हम सेस लगाने के खिलाफ हैं। चीनी मिलों पर गन्ना
किसानों के बकाया की राशि 20,000 करोड़ रुपये को पार कर चुकी है इसमें सबसे
ज्यादा उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर करीब 13,500 करोड़ रुपये है।
किसानों को भुगतान नहीं मिलने से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है
जिस कारण किसानों में उत्पादक राज्यों की सरकारों के साथ ही केंद्र सरकार
के खिलाफ रोष बढ़ रहा है।
केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों के
बकाया भुगतान के लिए 5.50 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सब्सिडी देने की
घोषणा की हुई है। चीनी पर तीन रुपये प्रति किलो की दर से सेस लगाने का
प्रस्ताव है। ...... आर एस राणा
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