आर एस राणा
नई
दिल्ली। विश्व बाजार में कच्चे तेल कीमतें 80 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई है
जिस कारण दिल्ली में पेट्रोल के भाव 75 रुपये प्रति लीटर के स्तर को
पारकर गए हैं जोकि सितंबर 2013 के बाद उच्च्तम भाव है। पेट्रोल और डीजल की
कीमतों में चल रही तेजी का असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा, जोकि केंद्र
सरकार के लिए चिंता पैदा कर सकता है क्योंकि इसी साल मध्य प्रदेश,
राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में विधानसभा के चुनाव जो होने हैं।
पेट्रोल
और डीजल की कीमतों में तेजी थमने का नाम नहीं ले रही है। बीते 5 दिनों में
दिल्ली में पेट्रोल 1 रुपये तक महंगा हो चुका है। दिल्ली में पेट्रोल के
दाम 75.61 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर पहुंच गए हैं। वहीं डीजल में भी
बढ़ोत्तरी जारी है। इससे पहले 20 दिनों तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में
कोई भी बदलाव नहीं हुआ था। कर्नाटक चुनाव के मद्देनजर सरकारी तेल विपणन
कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों को 24 अप्रैल 2018 से अगले 20 दिनों तक
अपरिवर्तित रखा था।
16 जून 2017 से ही पेट्रोल और डीजल की
कीमतों में रोजाना संशोधन हो रहा है। इससे पहले सरकारी तेल विपणन कंपनियां
ईंधन की कीमतों की महीने में दो बार समीक्षा किया करती थीं।
एसएमसी
इन्वेस्टमेंट्स के प्रबंध निदेशक व सलाहकार डी. के. अग्रवाल ने आउटलुक को
बताया कि अमेरिका द्वारा ईरान पर प्रतिबंध और ओेपेक और रूस सहित कई देशों
द्वारा पहले से ही उत्पादन में कटौती के कारण विश्व बाजार में कच्चे तेल की
कीमतों में तेजी बनी हुई है। ओपेक द्वारा तेल की आपूर्ति में लगातार कटौती
के साथ एशिया में तेल की मांग बढ़ने से भी कीमतों को लगातार मदद मिल रही
है। उन्होंने बताया कि आगे विश्व बाजार में बने हुए तनाव की स्थिति में
सुधार आने के बाद इसकी कीमतों में नरमी आ सकती है।
कच्चे तेल के
भाव विश्व बाजार में 20 जून 2017 को 45 डॉलर प्रति बैरल थे, जोकि बढ़कर 80
डॉलर प्रति बैरल हो गए हैं। पिछले 11 महीनों से इसकी कीमतों में लगातार
तेजी बनी हुई है।..... आर एस राणा
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