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18 मई 2018

बासमती चावल में खाड़ी देशों की आयात मांग होगी कम, रमजान के बाद बढ़ेगी मांग

आर एस राणा
नई दिल्ली। रमजान का महीना होने के कारण मध्य जून तक खाड़ी देशों की आयात मांग बासमती चावल में कम रहेगी, जिस कारण घरेलू बाजार में बासमती चावल और धान की कीमतों में गिरावट आने का अनुमान है। हरियाणा की कैथल मंडी में मंगलवार को पूसा 1,121 बासमती धान का भाव 3,400 रुपये और सेला चावल का भाव 6,200 से 6,300 रुपये प्रति क्विंटल रहा। पूसा 1,509 बासमती चावल का भाव 3,050 से 3,100 और सेला चावल का 5,800 से 5,900 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
खाड़ी देशों की आयात मांग रहेगी कम
चावल की निर्यात फर्म केआरबीएल लिमिटेड के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल कुमार मित्तल ने बताया कि रमजान के महीने में खाड़ी देशों की आयात मांग बासमती चावल में कम रहेगी। अत: ईरान, इराक के साथ साउदी अरब और कुवैत को इस दौरान बासमती चावल के निर्यात सौदे कम होंगे। उन्होंने बताया कि 15 जून के बाद फिर से इन देशों की आयात मांग बढ़ेगी तथा जुलाई से सितंबर के दौरान मांग अच्छी रहने का अनुमान है। विश्व बाजार में बासमती चावल पूसा 1,121 सेला का भाव 1,050 डॉलर प्रति टन है।
बासमती धान की रौपाई ज्यादा होने का अनुमान
धान कारोबारी महेंद्र जैन ने बताया कि बासमती धान के साथ ही चावल में मांग इस समय कमजोर है जबकि खरीफ में मानसूनी बारिश अच्छी होने का अनुमान है। ​चालू सीजन में बासमती धान के दाम उंचे रहे हैं, इसलिए पूसा 1,121 और पूसा 1,509 धान की रौपाई ज्यादा होने का अनुमान है। निर्यातकों के साथ ही घरेलू मांग कम होने से आगामी दिनों में घरेलू मंडियों में बासमती धान और चावल की कीमतों में गिरावट आने का अनुमान है।
वित्त वर्ष 2017-18 में बढ़ा निर्यात
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 40.51 लाख टन का हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में इसका निर्यात 39.85 लाख टन का ही हुआ था। ..............   आर एस राणा

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