आर एस राणा
नई
दिल्ली। चालू खरीफ में कपास के साथ ही दलहन और धान की शुरूआती बुवाई पिछे
चल रही है जबकि गन्ना की बुवाई में कमी आई है। देश के कई राज्यों में
प्री-मानसून की बारिश कम होने के कारण बुवाई की गति धीमी है तथा आगे
जैसे-जैसे मानसूनी बारिश होगी, बुवाई में भी तेजी आयेगी। किसानों को समय पर
भुगतान नहीं होने का असर गन्ने की बुवाई पर पड़ा है।
कृषि
मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में अभी तक कपास की बुवाई 7.82 लाख हैक्टेयर
में ही हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 11.24 लाख
हैक्टेयर में हो चुकी थी। मई में कपास की बुवाई उत्तर भारत के राज्यों
पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में होती है जबकि अन्य राज्यों में बुवाई जून
से शुरू होगी। अत: माना जा रहा है कि आगे बुवाई की गति में तेजी आयेगी।
खरीफ
की प्रमुख फसल धान की रौपाई चालू खरीफ में अभी तक 1.52 लाख हैक्टेयर में
ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 2.17 लाख हैक्टेयर में रौपाई हो
चुकी थी। धान की रौपाई अभी शुरूआती चरण में है तथा आगे इसकी रौपाई में तेजी
आयेगी।
मंत्रालय के अनुसार खरीफ दलहनों की बुवाई चालू रबी में
अभी तक 61 हजार हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 1.15
लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। इसके अलावा तिलहनों की बुवाई 37 हजार
हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इनकी बुवाई 41
हजार हैक्टेयर में हो चुकी थी।
चालू पेराई सीजन में चीनी मिलों
पर गन्ना किसानों का बकाया बढ़कर 21,000 करोड़ रुपये के पार हो चुका है
जिसका असर इसकी बुवाई पर पड़ा है। चालू खरीफ में गन्ना की बुवाई घटकर 44.70
लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 48.67 लाख
हैक्टेयर में गन्ना की बुवाई हो चुकी थी।
चालू खरीफ में फसलों की
कुल बुवाई अभी तक 65.52 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस
समय तक देशभर में 69.84 लाख हैक्टेयर में फसलों की बुवाई हो चुकी थी। ............. आर एस राणा
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