आर एस राणा
नई
दिल्ली। वित्त वर्ष 2017-18 (अप्रैल से मार्च) के दौरान ग्वार गम उत्पादों
के निर्यात में 74,174 टन की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 4,94,126 टन का हुआ
है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में इनका निर्यात 4,19,952
टन का ही हुआ था।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार मूल्य
के हिसाब से ग्वार गम उत्पादों के निर्यात में वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान
34.22 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 4,170 करोड़ रुपये का हुआ है
जबकि पिछले वित्त वर्ष के दौरान मूल्य के हिसाब से इनका निर्यात 3,107
करोड़ रुपये का ही हुआ था।
मानसून सामान्य रहने की भविष्यवाणी से कीमतों पर दबाव
टिकू
राम गम एडं केमिकल प्रा. लि. के डारयेक्टर विपिन अग्रवाल ने बताया कि इस
समय ग्वार गम उत्पादों में निर्यात मांग तो अच्छी बनी हुई है लेकिन मिलें
अपना स्टॉक निकाल रही है। रुपये के मुकाबले डॉलर की मजबूती से ग्वार गम
उत्पादों के निर्यात पड़ते भी अच्छे लग रहे हैं लेकिन चालू खरीफ में मौसम
विभाग ने बारिश अच्छी होने की भविष्यवाणी की है। ग्वार सीड का उत्पादन
बारिश पर ज्यादा निर्भर करता है। जून से ग्वार सीड की बुवाई शुरू हो
जायेगी। इसलिए ग्वार गम और ग्वार सीड की कीमतों में बड़ी तेजी की संभावना
नहीं है।
भाव में आई गिरावट
ग्वार सीड के कारोबारी
रविंद्र केडिया ने बताया कि मिलों की मांग ग्वार सीड में कमजोर है इसीलिए
ग्वार सीड और ग्वार गम में तेजी टिक नहीं पा रही है। सप्ताह भर में ग्वार
सीड की कीमतों में 150 से 200 रुपये और ग्वार गम की कीमतों में 300 से 400
रुपये की गिरावट आ चुकी है। जोधपुर मंडी में शुक्रवार को ग्वार सीड का भाव
8,325 से 8,350 रुपये और ग्वार सीड का भाव 3,900 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
राजस्थान में उत्पादन अनुमान कम
ग्वार
सीड के सबसे बड़े उत्पादक राज्य राजस्थान के कृषि निदेशालय के अनुसार फसल
सीजन 2017-18 में राज्य में ग्वार सीड का उत्पादन घटकर 12,44,830 टन का ही
होने का अनुमान है जबकि इसके पिछले साल इसका उत्पादन 14,04,819 टन का हुआ
था। राज्य में फसल सीजन 2017-18 में ग्वार सीड की बुवाई घटकर 34.32 लाख
हैक्टेयर में ही हुई है जबकि इसके पिछले साल इसकी बुवाई 35.30 लाख हैक्टेयर
में हुई थी। ............ आर एस राणा
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