आर एस राणा
नई
दिल्ली। चालू पेराई सीजन में गन्ने का बंपर उत्पादन किसानों के लिए घाटे
का सौदा साबित हो रहा है, चीनी मिलों पर देशभर के गन्ना किसानों के बकाया
की राशि बढ़कर 21,700 रुपये को पार कर गई है। समय पर भुगतान नहीं मिलने से
गन्ना किसानों को भारी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जिस
कारण राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों में रोष बढ़ रहा है।
इंडियन
शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है कि घरेलू
बाजार में चीनी की कीमतों में भारी गिरावट से चीनी मिलों पर बकाया की राशि
बढ़कर रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई है, अत: समय रहते कारगर कदम नहीं उठाया गया
तो अगले पेराई सीजन में कुछ चीनी मिलों में पेराई शुरू ही नहीं हो पायेगी।
उद्योग केंद्र सरकार पर बना रहा है दबाव
इस्मा
ने गन्ना मूल्य निर्धारण में रंगराजन समिति की सिफारिशों को लागू करने के
लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया है। इस्मा ने यह भी कहा है कि अगर रंगराजन
समिति की सिफारिशों के मुताबिक गन्ने का उचित एवं लाभाकारी मूल्य (एफआरपी)
होता तो 223 रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर नहीं होता। चालू पेराई सीजन
2017-18 के लिए केंद्र सरकार ने गन्ने का एफआरपी 255 रुपये प्रति क्विंटल
तय किया हुआ है। उद्योग संगठन ने केंद्र सरकार को ऐसे समय में पत्र लिखा है
जबकि आगामी पेराई सीजन के लिए गन्ने का एफआरपी तय किया जाना है।
चीनी पर सेस लगाने पर फैसला अटका
केंद्र
सरकार ने गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के लिए 5.50 रुपये प्रति क्विंटल
की दर से सब्सिडी देने की घोषणा की हुई है। चीनी पर तीन रुपये प्रति किलो
की दर से सेस लगाने का प्रस्ताव है, जिस पर अभी फैसला नहीं हो सका है। चीनी
पर सेस लगाने पर फैसला करने के लिए केंद्र सरकार ने असम के वित्त मंत्री
हेमंत बिस्वसर्मा की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह का गठन किया हुआ है
जोकि 15 जून तक रिपोर्ट फाइनल करेगा।
भाव में सुधार के लिए उठाए गए कदम नाकाफी
केंद्र
सरकार ने घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में सुधार लाने के लिए कदम तो
उठाएं हैं, लेकिन सरकारी कदमों से भाव में सुधार नहीं आ पा रहा है। चीनी के
आयात को रोकने के लिए सरकार आयात पर 100 फीसदी का आयात शुल्क लगा चुकी है,
जबकि निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए 20 निर्यात शुल्क को समाप्त कर
चुकी है। इसके अलावा 20 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति भी दी हुई है,
लेकिन विश्व बाजार में भाव कम होने के कारण निर्यात पड़ते नहीं लग रहे
हैं।
रिकार्ड चीनी उत्पादन अनुमान
पहली अक्टूबर 2017
से शुरू हुए चालू पेराई सीजन में अप्रैल के आखिर तक चीनी का रिकार्ड
उत्पादन 310.37 लाख टन हो चुका है जबकि अभी भी कुछ चीनी मिलों में पेराई चल
रही है ऐसे में उत्पादन 315-320 लाख टन होने का अनुमान है। चीनी का
उत्पादन बढ़ने के साथ ही गन्ना किसानों पर बकाया की राशि भी लगातार बढ़ रही
है।............ आर एस राणा
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