आर एस राणा
नई
दिल्ली। आढ़तियों के दबाव में हरियाणा सरकार ने किसानों को सीधे भुगतान के
अपने फैसले को वापिस ले लिया है। राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की
मध्यस्थता के बाद खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने इस फैसले को होल्ड कर लिया है
तथा अब आढ़तियों के माध्यम से ही किसानों को भुगतान किया जायेगा।
27
अप्रैल को राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने पड़ौसी राज्य उत्तर प्रदेश
के साथ लगते 11 जिलों में इस फैसले को लागू किया गया था। इसके तहत किसानों
के खाते में विभाग की ओर से सीधे पैसा जमा कराने की बात कहीं गई थी।
खाद्य
एवं आपूर्ति व उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक की ओर से जारी पत्र में कहा
गया था कि दूसरे राज्यों से आने वाले गेहूं को रोकने के लिए किसानों के
हित में पैसा सीधे उनके खाते में डाला जाए। इन जिलों में अधिकारियों को
निर्देश दिए गए थे कि किसानों के कागजात जैसे राजस्व रिकॉर्ड, आधार कार्ड,
राशन कार्ड आदि जांचने के बाद उनके खाते में बिक्री की राशि जमा कराई जाए।
इस
फैसले के विरोध में आढ़तियों ने मंडियों से गेहूं की समर्थन मूल्य पर
खरीद बंद कर दी थी, जिस कारण सरकार को अपना फैसला वापिस लेने पर मजबूर होना
पड़ा। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने चालू रबी विपणन सीजन 2018-19 में
राज्य से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 79.96 लाख टन गेहूं की खरीद की
है जोकि तय मात्रा 74 लाख टन से ज्यादा है। ................ आर एस राणा
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