आर एस राणा
नई
दिल्ली। मूंगफली की पैदावार में हुई बढ़ोरती ही किसानों के लिए घाटे का
सौदा साबित हो रही है। उत्पादक राज्यों की मंडियों में किसान 3,700 से
4,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मूंगफली बेचने को मजबूर है जबकि केंद्र
सरकार ने मूंगफली का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4,450 रुपये प्रति
क्विंटल (बोनस सहित) तय किया हुआ है। वित्त वर्ष 2017—18 में मूंगफली दाने
के निर्यात में करीब 38 फीसदी की गिरावट आई है।
पैदावार ज्यादा होने का अनुमान
कृषि
मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2017-18 में मूंगफली
का उत्पादन बढ़कर 82.17 लाख टन (खरीफ और रबी को मिलाकर) होने का अनुमान है
जबकि इसके पिछले साल 2016-17 में इसका उत्पादन केवल 74.62 लाख टन का ही हुआ
था।
उत्पादक मंडियों में आवक घटी
गुजरात के मूंगफली
कारोबारी समीर भाई शाह ने बताया कि उत्पादक मंडियों में मूंगफली की दैनिक
आवक घटी है लेकिन मिलों की मांग कमजोर होने से मंडियों में इसके भाव समर्थन
मूल्य से नीचे ही बने हुए हैं। राजकोट मंडी में दैनिक आवक घटकर 10 से 12
हजार बोरी की रह गई है जबकि मंडी में इसके भाव 3,800 से 4,000 रुपये प्रति
क्विंटल चल रहे हैं। एगमार्क नेट के अनुसार जूनागढ़ मंडी में मूंगफली के
भाव शनिवार को 3,750 से 4,150 रुपये प्रति क्विंटल रहे। कमजोर मांग को
देखते हुए अभी इसके भाव में तेजी की संभावना नहीं है।
मूंगफली दाने के निर्यात में आई कमी
वाणिज्य
एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान मूंगफली दाने
का निर्यात मूल्य के हिसाब से 37.84 फीसदी घटकर केवल 3,384 करोड़ रुपये का
ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान इसका निर्यात 5,444
करोड़ रुपये का हुआ था। मात्रा के हिसाब से वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान
मूंगफली दाने का निर्यात घटकर 5,03,155 टन का ही हुआ है जबकि इसके पिछले
वित्त वर्ष में इसका निर्यात 7,25,710 टन का हुआ था।
नेफेड ने एमएसपी पर खरीदी 10 लाख टन से मूंगफली
केंद्र
सरकार नेफेड के माध्यम से गुजरात, राजस्थान और आंध्रप्रदेश की मंडियों से
मूंगफली की खरीद एमएसपी पर कर रही है। नेफेड ने फसल सीजन 2017-18 में
एमएसपी पर 10.33 लाख टन मूंगफली की खरीद की है। अत: नेफेड की खरीद के
बावजूद भी किसान समर्थन मूल्य से नीचे बेचने पर मजबूर हैं। ....... आर एस राणा
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