आर एस राणा
नई
दिल्ली। खरीफ फसलों की बुवाई से पहले मार्च से मई के दौरान होने वाली
मानसून पूर्व की बारिश इस बार देश के आधे राज्यों में सामान्य से कम हुई
है। बुवाई से पहले खेतों को तैयार करने में मानसून से पूर्व की बारिश से
किसानों को फायदा होता ही है, वही इससे गर्मी के प्रकोप से भी राहत मिलती
है। मानसून पूर्व की बारिश में कमी वाले राज्यों में गुजरात प्रमुख है।
भारतीय
मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार इस साल एक मार्च से 16 मई तक पूर्वोत्तर के
राज्यों के साथ ही बिहार, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य
प्रदेश, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर में मानसून पूर्व की बारिश सामान्य से
कम हुई है। इस दौरान पूरे देश में मानसून पूर्व की बारिश सामान्य की तुलना
में 11 फीसदी कम हुई है।
आईएमडी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार
साल 2014 के बाद देश में मानसून पूर्व की बारिश का यह न्यनूतम स्तर है।
माना जाता है कि मानसून पूर्व की बारिश फलों के साथ सब्जियों की फसलों के
लिए अच्छी होती है, फलों में खासकर के आम, लीची और स्ट्रॉबेरी के अलावा
सब्ज्यिों के फसलों के लिए इसका अहम योगदान होता है, साथ ही धान की रौपाई
से पहले नर्सरी तैयार करने और खेतों को तैयार करने में किसानों की मददगार
साबित होती है।
चालू सीजन में गुजरात में मानसून पूर्व की बारिश
सामान्य से 93 फीसदी कम हुई है, जबकि केंद्र शासित राज्य दादर नगर हवेली और
दमन दीव में इस दौरान बारिश हुई ही नहीं। उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश,
कर्नाटक, केरल, तेलंगाना और त्रिपुरा में इस दौरान सामान्य से अधिक मानसून
पूर्व की बारिश हुई है।............ आर एस राणा
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