आर एस राणा
नई
दिल्ली। डीजल की कीमतों में बेहताशा बढ़ोतरी से धान किसानों की चिंता
बढ़नी शुरू हो गई है, चालू खरीफ के लिए किसान धान की नर्सरी तैयार कर रहे
है, अगले महीने से इसकी रौपाई शुरू हो जायेगी। अत: डीजल की कीमतों में भारी
बढ़ोतरी से इस बार धान की फसल की लागत बढ़ जायेगी।
कर्नाटक
विधानसभा चुनावों तक स्थिर रहे डीजल और पेट्रोल के दामों में चुनाव परिणाम
घोषित होने के बाद से ही लगातार तेजी का दौर बना हुआ है। हालत यह है कि
सोमवार को इनके दामों ने पिछले 56 माह का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया। दिल्ली में
पेट्रोल के दाम 76.24 रुपये और डीजल के 67.57 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच
गए।
खरीफ सीजन में धान के प्रमुख उत्पादक राज्यों पंजाब में
सोमवार को डीजल के दाम 67.90 प्रति लीटर हो गए हैं जबकि हरियाणा के पानीपत
में डीजल के दाम 68.19 रुपये, उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 67.46 प्रति लीटर
और राजस्थान के जयपुर में 72.23 रुपये प्रति लीटर हो गए।
लागत में होगी बढ़ोतरी
धान
की रौपाई मानसूनी बारिश शुरू होने पर की जाती है लेकिन धान के खेत में
लगातार पानी रखना पड़ता है, इसलिए बारिश के अलावा किसानों को ट्यूबवेल से
भी पानी देना पड़ता हैं। ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ना भी लाजिमी है।
हरियाणा के गोहाना के पूठी गांव के किसान राजेश कुमार ने बताया कि उसने
पांच एकड़ में फसल लगाने के लिए धान की नर्सरी लगाई है, लेकिन डीजल की
कीमतों में इसी तरह से बढ़ोतरी जारी रही तो फिर रौपाई एक या फिर दो एकड़
में ही की जायेगी। उसके खेत में दो टयूबवेल है, डीजल की कीमत रिकार्ड स्तर
पर होने के कारण फसल की लागत चालू खरीफ में बढ़ जायेगी।?
धान के खेत में हर समय रखना पड़ता है पानी
पंजाब
के लुधियाना के धान किसान धर्मेंद्र गिल ने बताया कि डीजल की कीमतों में
भारी बढ़ोतरी से इस बार धान किसानों की लागत 10 से 15 फीसदी तक बढ़ जायेगी,
क्योंकि धान के खेत में आधा से एक फुट तक पानी रखना पड़ता है, इसलिए बारिश
के अलावा टयूबवेल से भी पानी देना पड़ता है।
जून में रौपाई हो जायेगी शुरू
प्रमुख
धान उत्पादक राज्यों पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान
में धान की रौपाई का कार्य जून में शुरू हो जायेगा। पेट्रोल और डीजल की
कीमतें कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भतर करती है, तथा जानकारों का मानना है
कि ओपेक की कटौती से अभी कच्चे तेल की कीमतों में तेजी बनी रहेगी है। विश्व
बाजार में कच्चा तेल 80 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच चुका है। कच्चे तेल की
कीमतों में तेजी जारी रही तो फिर डीजल की कीमतों में और बढ़ोतरी होगी।
खरीफ में करीब 400 लाख हैक्टेयर में होती है धान की रौपाई
कृषि
मंत्रालय के अनुसार खरीफ सीजन में धान की रौपाई सामान्यत: 396.09 लाख
हैक्टेयर में होती है, इसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 58.79 लाख
हैक्टेयर में होती है। ....... आर एस राणा
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