आर एस राणा
नई
दिल्ली। गेहूं किसानों को सीधे उनके खाते में पैमेंट जमा कराने के हरियाणा
सरकार के आदेश के बाद राज्य की मंडियों से गेहूं की खरीद रुक गई है।
सूत्रों के अनुसार पिछले दो-तीन दिनों से राज्य की मंडियों से गेहूं की
समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं हो रही है।
हरियाणा के खाद्य आपूर्ति
मंत्री कर्णदेव कांबोज के अनुसार कुछ लोग किसानों की आड़ में ट्रेडिंग कर
रहे हैं, इसलिए सरकार ने फैसला लिया है कि अब किसान के खाते में गेहूं की
पेमेंट भेजी जाएगी। इस व्यवस्था का वे लोग विरोध कर रहे है जो दूसरे
प्रदेशों से गेंहू की खरीद कर राज्य की मंडियों में सरकारी एजेंसियों को
बेच रहे हैं।
कैथल मंडी के आढ़ती रामनिवास खुरानिया ने बताया कि
पिछले तीन दिनों से मंडी से गेहूं की सरकारी खरीद नहीं हो रही है, राज्य
सरकार ने गेहूं किसानों के खाते में सीधे भुगतान करने की घोषणा की है जबकि
व्यापारी चाहते हैं कि भुगतान पहले की तरह उनके माध्यम से ही किया जाये।
करनाल मंडी से चालू सीजन में अभी तक 20 लाख कट्टों (एक कट्टा-50 कलो) की
खरीद हो चुकी है लेकिन उठाव अभी तक केवल 10 लाख कट्टों का ही हो पाया है।
करनाल
मंडी के व्यापारी सतनारायण ने बताया कि राज्य सरकार की घोषणा के बाद पिछले
दो दिनों से मंडी से गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं हो रही है।
व्यापारी गेहूं खरीद में पूर्व व्यवस्था के तहत ही भुगतान चाहते हैं।
भारतीय
खाद्य निगम (एफसीआई) के अनुसार राज्य की मंडियों से 27 अप्रैल तक 75.98
लाख टन गेहूं की न्यनूतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद हो चुकी है जोकि तय
लक्ष्य से ज्यादा है। चालू रबी विपणन सीजन 2018-19 में राज्य से 74 लाख टन
गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया था जबकि पिछले रबी विपणन सीजन में राज्य
से एमएसपी पर 74.32 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। .............आर एस राणा
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