आर एस राणा
नई
दिल्ली। केंद्र सरकार ही जब दालों की बिक्री न्यूनतम समर्थन मूल्य
(एमएसपी) से आधे दाम पर करेगी, तो फिर भाव में कैसे आ पायेगा सुधार। नेफेड
ने मध्य प्रदेश की शिहोरी मंडी में 2,711 रुपये प्रति क्विंटल की दर से
उड़द बेची है जबकि उड़द का समर्थन मूल्य 5,400 रुपये प्रति क्विंटल है।
नेफेड
ने मध्य प्रदेश में 400 टन मूंग 4,401 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बेची
है जबकि मूंग का एमएसपी 5,575 रुपये प्रति क्विंटल है। इससे पहले
महाराष्ट्र और कर्नाटका में नेफेड ने 4,325 से 4,379 रुपये प्रति क्विंटल
की दर से मूंग बेची थी। अत: नेफेड समर्थन मूल्य से 1,174 से 2,689 रुपये
प्रति नीचे भाव पर दाल बेच रही है।
नेफेड के पास दलहन का रिकार्ड स्टॉक
नेफेड
के पास चना, अरहर और मसूर का 24.34 लाख टन से ज्यादा का बंपर स्टॉक हो
चुका है तथा चना और मसूर की एमएसपी पर खरीद जारी है अत: आगे कुल स्टॉक में
बढ़ोतरी होगी। इसलिए नेफेड की बिक्री में आगे और तेजी आने का अनुमान है
जिससे भाव पर दबाव बना रहेगा।
रबी दलहन के भाव एमएसपी से नीचे
किसान
उत्पादक मंडियों में 3,400 से 3,500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चना
बेचने पर मजबूर है जबकि केंद्र सरकार ने चना का एमएसपी 4,400 रुपये प्रति
क्विंटल (बोनस सहित) तय किया हुआ है। इसी तरह से उत्पादक मंडियों में मसूर
3,000 से 3,200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिक रही है, जबकि मसूर का
एमएसपी 4,250 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) है।
आयात शुल्क बढ़ाने के बावजूद मसूर को हो रहा है आयात
केंद्र
सरकार ने मसूर पर आयात शुल्क को बढ़ाकर 30 फीसदी और चना पर 60 फीसदी किया
हुआ है। चना का आयात तो इस समय नहीं हो रहा, लेकिन मसूर का आयाति अभी भी हो
रहा है। आयातित मसूर के भाव मुंबई पहुंच 3,150 रुपये प्रति क्विंटल हैं।
केंद्र सरकार ने मटर के उन्हीं आयात सौदों को मंजूरी दी है जिन सौदों का 25
अपैल 2018 से पहले 100 फीसदी भुगतान हो चुका है।
आयात में आई कमी
केंद्र
सरकार की सख्ती से वित्त वर्ष 2017-18 में दालों का आयात 15 फीसदी घटकर 56
लाख टन का ही हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में 66.08 लाख टन
दलहन का रिकार्ड आयात हुआ था।
रिकार्ड पैदावार का अनुमान
कृषि
मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2017—18 में 245.1
लाख टन का रिकार्ड उत्पादन होने का अनुमान है जबकि पिछले फसल सीजन में इनका
उत्पादन 231.3 लाख टन का हुआ था।.... आर एस राणा
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