आर एस राणा
नई
दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक से पहले अधिकारियों की बैठक में चीनी
पर 5 फीसदी सेस लगाने ओर एथेनॉल पर जीएसटी की दर को 18 फीसदी से घटाकर 5
फीसदी करने पर सहमति नहीं बन सकी। ऐसे में 4 मई को प्रस्तावित जीएसटी
काउंसिल की बैठक में इन पर फैसला होने की संभावना कम है।
सूत्रों
के अनुसार 4 मई को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले चीनी पर 5
फीसदी सेस और एथेनॉल पर जीएसटी कम करने पर अधिकारियों की सहमति नहीं बन
पाई। जिससे यह मामला अभी टल सकता है। ऐसे में सवाल यह भी है कि केंद्र
सरकार ने 5.50 रुपये प्रति क्विंटल की दर से जो सब्सिडी देने की घोषणा की
है, उसके लिए फंड कहां से आयेगा।
चीनी में गिरावट जारी
घरेलू
बाजार में चीनी में मांग काफी कमजोर है जबकि मिलों के पास बंपर स्टॉक होने
से बिकवाली का दबाव बना हुआ है। गुरुवार को उत्तर प्रदेश में चीनी के एक्स
फैक्ट्री भाव घटकर 2,600 से 2,700 रुपये और महाराष्ट्र में 2,500 से 2,600
रुपये प्रति क्विंटल रहे। दिल्ली में चीनी के भाव इस दौरान 2,900 रुपये
प्रति क्विंटल रहे। कमजोर मांग से आगे इसके भाव में ओर भी गिरावट आने का
अनुमान है।
मंत्रियों के समूह ने दिया था सुझाव
चीनी
की कीमतों में गिरावट रोकने के लिए चीनी पर सेस लगाने और एथेनॉल पर जीएसटी
को कम करने का सुझाव मंत्रियों के समूह ने दिया था। गन्ना किसानों के बकाया
भुगतान की समस्या का हल करने के लिए केंद्र सरकार ने मंत्रियों के समूह का
गठन किया था, जिसकी हाल ही में एक बैठक हुई थी।
केंद्र द्वारा उठाए कदम नाकाफी
घरेलू
बाजार में चीनी की कीमतों में चल रही गिरावट को रोकने के लिए केंद्र सरकार
पहले भी कई कदम उठा चुकी है, यह अलग बात है कि अभी तक उठाये गए कदमों से
चीनी के भाव में सुधार आने के बजाए गिरावट ही आई है। सबसे पहले केंद्र
सरकार ने चीनी के आयात को रोकने के लिए आयात शुल्क को 50 फीसदी से बढ़कर
100 फीसदी किया, उसके बाद निर्यात शुल्क को 20 फीसदी से घटकर शून्य किया।
साथ ही 20 लाख टन चीनी के निर्यात की भी अनुमति दी लेकिन विश्व बाजार में
भाव कम होने के कारण निर्यात नहीं हो रहा है।......... आर एस राणा
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