आर एस राणा
नई
दिल्ली। केंद्र सरकार ने गेहूं के आयात शुल्क को 20 फीसदी से बढ़ाकर 30
फीसदी कर दिया है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी)
द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार गेहूं के आयात शुल्क में 10 फीसदी की
बढ़ोतरी की गई है।
भाव में आयेगी तेजी
गेहूं की
कारोबारी फर्म श्री बालाजी फूड प्रोडेक्टस के प्रबंधक संदीप बंसल ने बताया
कि पिछले साल गेहूं की कीमतों में तेजी नहीं आ पाई थी, इसलिए चालू सीजन में
फ्लोर मिलों ने गेहूं की खरीद सीमित मात्रा में ही की है इसीलिए सरकारी
खरीद ज्यादा हुई है। अत: आगे गेहूं की कीमतों में 100 से 150 रुपये की तेजी
बनने की संभावना है। केंद्र सरकार खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के
तहत गेहूं की बिक्री पिछले साल की तुलना में भाव बढ़ाकर करेगी। पिछले साल
पंजाब और हरियाणा से ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री 1,790 रुपये प्रति
क्विंटल की दर से की गई थी।
आयात की संभावना नहीं
बंगलुरु
स्थित गेहूं की कारोबारी फर्म प्रवीन कॉमर्शियल कंपनी के प्रबंधक नवीन
गुप्ता ने बताया कि यूक्रेन से आयातित लाल गेहूं तूतीकोरन बंदरगाह पर 2,280
रुपये और आस्ट्रेलियाई गेहूं 2,530 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच पड़ेगा,
इसमें परिवहन लागत और जोड़ दे, तो मिल पहुंच इसके भाव बढ़कर 2,400 से 2,650
रुपये प्रति क्विंटल हो जायेंगे। अत: आयात की संभावना नहीं है। उत्तर
प्रदेश और राजस्थान से बंगुलरु पहुंच गेहूं के सौदे इस समय 2,050 से 2,150
रुपये प्रति क्विंटल की दर से हो रहे हैं।
वित्त वर्ष 2017-18 में गेहूं के आयात में आई कमी
कृषि
मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2017-18 के पहले 7 महीनों अप्रैल से नवंबर
के दौरान 13.9 लाख टन गेहूं का ही आयात हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष
2016-17 में 57.5 लाख टन गेहूं का आयात हुआ था। जानकारों के अनुसार नवंबर
के बाद आयात सौदे सीमित मात्रा में ही हुए, इसलिए वित्त वर्ष 2017-18 में
कुल 16-17 लाख टन का ही आयात हुआ है।
समर्थन मूल्य पर खरीद में हुई बढ़ोतरी
चालू
रबी विपणन सीजन 2018-19 में न्यनूतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की
सरकारी खरीद बढ़कर 336.39 लाख टन की हो चुकी है जोकि तय लक्ष्य 320 लाख टन
से ज्यादा है। पिछले रबी सीजन में समर्थन मूल्य पर कुल 308.25 लाख टन गेहूं
की ही खरीद हुई थी।
रिकार्ड उत्पादन का अनुमान
कृषि
मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू रबी में गेहूं की रिकार्ड
पैदावार 986.1 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 985.1
लाख टन का हुआ था।...... आर एस राणा
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