आर एस राणा
नई
दिल्ली। केंद्र सरकार ने मटर के आयात पर लगाम लगाने के लिए और सख्ती की
है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार
आयातकों ने जो आयात सौदे 25 अपैल 2018 से पहले के किए हुए हैं, तथा जिनका
100 फीसदी भुगतान भी हो चुका है। उन्हीं आयात सौदे के आयात को मंजूरी होगी।
आयातकों से पहले मांगा था आयात सौदों का ब्यौरा
इससे
पहले केंद्र सरकार ने 10 मई को मटर आयातकों से 25 अप्रैल 2018 तक किए गए
अगाऊ सौदों की जानकारी मांगी थी। असके अलावा केंद्र सरकार ने 25 अप्रैल को
अधिसूचना जारी कर अप्रैल से जून के दौरान केवल एक लाख टन मटर के आयात को
मंजूरी दी थी।
सरकारी सख्ती के बावजूद भाव में सुधार नहीं
केंद्र
सरकार दलहन आयात पर लगातार सख्ती तो कर रही है, लेकिन घरेलू बाजार में
दलहन के बंपर उत्पादन उत्पादन अनुमान से भाव में सुधार नहीं आ पा रहा है,
जिस कारण उत्पादक मंडियों में किसानों को दालें समर्थन मूल्य से 1,500 से
2,000 रुपये प्रति क्विंटल तक नीचे बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
उत्पादक मंडियों में दालों के भाव समर्थन मूल्य से नीचे
उत्पादक
मंडियों में अरहर के भाव 3,800 से 4,000 रुपये प्रति क्विंटल और उड़द के
भाव 3,200 से 3,500 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं जबकि केंद्र सरकार ने
इनका समर्थन मूल्य क्रमश: 5,450 रुपये और 5,400 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस
सहित) तय किया हुआ है। इसी तरह से मूंग के भाव उत्पादक मंडियों में 4,600
से 4,800 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि मूंग का एमएसपी 5,575 रुपये प्रति
क्विंटल (बोनस सहित) है।
नेफेड के पास दलहन का बंपर स्टॉक
नेफेड
एमएसपी पर 8.67 लाख टन अरहर की खरीद कर चुकी है, इसके अलावा चालू रबी
में11.16 लाख टन चना और 92,969 टन मसूर की खरीद भी समर्थन मूल्य पर हो चुकी
है। चना और मसूर की खरीद अभी चल रही है अत: केंद्रीय पूल में आगे दलहन का
स्टॉक और बढ़ेगा।
केंद्र की सख्ती से आयात में आई कमी
केंद्र
सरकार की सख्ती से वित्त वर्ष 2017-18 में दालों का आयात 15 फीसदी घटकर 56
लाख टन का ही हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में 66.08 लाख टन
दलहन का रिकार्ड आयात हुआ था।........... आर एस राणा
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