कोच्चि January 02, 2012 |
सबसे बड़े उत्पादक राज्य तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में नारियल का उत्पादन बढऩे के चलते मौजूदा समय में नारियल तेल की कीमतों में गिरावट का रुख है। पिछले कुछ दिनों से इसकी थोक कीमतें यहां 7650 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास स्थिर नजर आ रही है। बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि कीमत के मोर्चे पर बढ़त की संभावना फिलहाल नहीं है, बल्कि उत्पादन में बढ़ोतरी के चलते इसमें गिरावट आ सकती है।
इस महीने के आखिर तक केरल में कोपरा और नारियल तेल के उत्पादन का सीजन शुरू होगा और मार्च तक यह अपने उफान पर पहुंच जाएगा। ऐसे में केरल से इसकी आपूर्ति अगले महीने से बढऩे की संभावना है और आंध्र प्रदेश व तमिलनाडु का हाल भी कुछ ऐसा ही है। तमिलनाडु के कनकायम में मौजूदा कीमतें 7400-7500 रुपये है और कारोबारी केरल में इसकी आपूर्ति 7600 रुपये प्रति क्विंटल पर करने के लिए तैयार हैं। ऐसे में केरल में तेल उत्पादक और मुख्य कारोबारी प्रसंस्करण व उत्पादन की बजाय तमिलनाडु से खरीदे गए नारियल तेल की बिक्री को प्राथमिकता दे रहे हैं।
पिछली मई में नारियल तेल की कीमतें 10,400 रुपये प्रति क्विंटल के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई थीं और उसके बाद से कीमतों में गिरावट नजर आ रही है। कोचीन ऑयल मर्चेंट्स एसोसिएशन (सीओएमए) के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर 2010 में कीमतें 7500 रुपये के न्यूनतम स्तर पर आ गई थीं, नवंबर 2010 में हालांकि यह 8400 रुपये पर पहुंच गई थीं। नारियल तेल का भाव दिसंबर 2010 में 8300 रुपये प्रति क्विंटल था। तमिलनाडु से आपूर्ति बढऩे और मांग में आई तेज गिरावट के बाद दिसंबर के आखिरी हफ्ते में कीमतें 8000 रुपये से नीचे चली गईं। 27 दिसंबर को नारियल तेल गिरकर 7750 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गया था और उसके बाद यह और लुढ़कर 7650 रुपये पर आ गया।
सीओएमए के अध्यक्ष तलत एम के मुताबिक, उत्तर भारत से मांग घटने के चलते दिसंबर में कीमतों पर बहुत ज्यादा असर पड़ा। ऐसा मुख्य तौर पर वहां जाड़े के मौसम के चलते हुआ है। उन्होंने कहा कि मौजूदा मानदंडों के हिसाब से कीमतें थोड़े बहुत उतारचढ़ाव के बाद स्थिरता की ओर बढ़ेंगी। चूंकि अगले महीने से केरल से आपूर्ति बढ़ेगी, लिहाजा बाजार को उम्मीद है कि इसमें और गिरावट आएगी।
इस बीच, पाम तेल की कीमतें थोक कारोबार में बढ़कर 7000-7100 रुपये प्रति क्विंटल हो गई हैं, जो नारियल तेल की कीमतों को स्थिरता प्रदान कर रहा है। अगर पाम तेल की कीमतें बढ़ती हैं तो यह नारियल तेल के बाजार पर बुरा असर डालेगा क्योंकि आम लोगों का झुकाव पाम तेल की तरफ हो जाएगा। सबरीमाला के अयप्पा मंदिर की तरफ से भी नारियल की आपूर्ति बढ़ गई है। यहां हजारों श्रद्धालू नारियल चढ़ाते हैं, जो बाद में बाजार पहुंच जाता है।
तमिलनाडु और केरल में भी नारियल के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इसे तोडऩे व प्रसंस्करण करने के लिए मजदूरों की किल्लत है, जो सबसे बड़ा अवरोध बन गया है। एक महीने पहले नारियल की कीमतें 12-14 रुपये थीं, जो अब घटकर 7-8 रुपये रह गई हैं। गर्मी के मौसम में कच्चे नारियल की मांग में अच्छी बढ़ोतरी का अनुमान है। इस समय कच्चे नारियल की कीमत पहले ही बढ़कर 20 रुपये पर पहुंच गई हैं, जो गर्मी के दौरान 25 रुपये पर पहुंच सकती है। केरल की कुल मांग के बड़े हिस्से की आपूर्ति तमिलनाडु से होती है। नारियल किसान कच्चे नारियल की बेहतर मांग का इंतजार कर रहे हैं। (BS Hindi)
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