डॉलर मजबूत होने से मोटे अनाजों का निर्यात और बढऩे की संभावना
13.74 लाख टन निर्यात हो चुका है चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में
10.07 लाख टन का निर्यात हुआ था पिछले साल की समान अवधि में
चालू वित्त वर्ष 2011-12 के पहले छह महीनों अप्रैल से सितंबर के दौरान बासमती चावल और मोटे अनाजों के निर्यात में भारी बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान बासमती चावल का निर्यात 41.5 फीसदी बढ़ गया जबकि मोटे अनाजों के निर्यात में 36.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान 13.74 लाख टन मोटे अनाजों का निर्यात हो चुका है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 10.07 लाख टन का निर्यात हुआ था।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में 1,828.27 करोड़ रुपये के मोटे अनाजों का निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 1,046.48 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ था। उन्होंने बताया कि रुपये के मुकाबले डॉलर की मजबूती से इस समय निर्यातकों को अच्छा मार्जिन मिल रहा है इसलिए आगामी महीनों में निर्यात में और भी बढ़ोतरी होने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि इस दौरान बासमती चावल के निर्यात में मात्रा के हिसाब से 41.5 फीसदी और वैल्यू के हिसाब से 48.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। बासमती चावल में सऊदी अरब, ईरान और अन्य खाड़ी देशों की मांग बढऩे से अप्रैल से सितंबर के दौरान निर्यात में बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से सितंबर के दौरान 7,379.83 करोड़ रुपये का 14.69 लाख टन बासमती चावल का निर्यात हो चुका है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 4,972.36 करोड़ रुपये के 10.38 लाख टन बासमती चावल का ही निर्यात हुआ है।
उन्होंने बताया कि गैर-बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से सितंबर के दौरान 2.20 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 57,683 हजार टन का ही हुआ था। इस दौरान 15,406 टन गेहूं का निर्यात हो चुका है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 309 टन गेहूं का ही निर्यात हुआ था। उन्होंने बताया कि सरकार ने 20 लाख टन गेहूं और 20 लाख टन गैर-बासमती चावल के निर्यात की अनुमति दी हुई है। (Business Bhaskar.....R S Rana)
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