बिजनेस भास्कर <> नई दिल्ली
<>रबी तिलहन की प्रमुख तिलहन फसल सरसों की बुवाई में 12.3 फीसदी की कमी आई है जबकि प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में इसकी बुवाई पिछले साल के मुकाबले 21.4 फीसदी घटी है। ऐसे में सरसों की पैदावार करीब 20 फीसदी घटकर 60 लाख टन उत्पादन रहने का अनुमान है। सरसों का उत्पादन घटने से अगले महीनों में खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी आ सकती है।
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बुवाई में कमी आने से चालू रबी में सरसों की पैदावार में 15-16 लाख टन की कमी आने की आशंका है। वर्ष 2010-11 में देश में सरसों का उत्पादन 76.67 लाख टन का हुआ था जबकि चालू सीजन में उत्पादन घटकर 60 लाख टन के करीब ही होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में सरसों की बुवाई 21.4 फीसदी घटकर 26.42 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है। जबकि पिछले साल की समान अवधि में 32.10 लाख हेक्टेयर में सरसों की बुवाई हुई थी। सरसों रबी तिलहनों की प्रमुख फसल है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी बुवाई आंकड़ों के अनुसार चालू रबी में तिलहनों की कुल बुवाई 83.8 लाख हेक्टेयर में हुई है इसमें सरसों की हिस्सेदारी 63.31 लाख हेक्टेयर है। पिछले साल की समान अवधि में सरसों की बुवाई 71.12 लाख हेक्टेयर में हुई थी। जबकि पिछले साल तिलहनों की कुल बुवाई 71.12 लाख हेक्टेयर में हुई थी। दिल्ली वेजिटेबल ऑयल एसोसिएशन के सचिव हेमंत गुप्ता ने बताया कि सरसों की पैदावार में कमी आने से आयात पर निर्भरता बढ़ जाएगी, जिसका असर खाद्य तेलों की कीमतों पर पड़ सकता है। राजस्थान में सरसों तेल का भाव 750 रुपये प्रति दस किलो है जबकि सरसों का भाव 3,300 रुपये प्रति क्विंटल है। नई फसल की आवक मार्च महीने में बनेगी इसलिए मार्च में तेल और सरसों के दाम में हल्की गिरावट आ सकती है लेकिन भविष्य में दाम तेज ही बने रहने की संभावना है।
अमेरिकी कृषि विभाग के भारत में स्थित एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यूएसडीए की ताजा रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण अमेरिका में सोयाबीन के उत्पादन में 22 लाख टन और ब्राजील में 10 लाख टन की कमी आने की आशंका है। सूखे और गर्म मौसम के कारण ब्राजील में सोयाबीन का उत्पादन 740 लाख टन होने की संभावना है। (Business Bhaskar.....R S Rana)
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