कीमती धातुओं व रत्नों पर आयात शुल्क में भारी बढ़ोतरी से 3,25,000 करोड़ के देसी आभूषण उद्योग को भारी झटका लगा है। ऑल इंडिया जेम्स ऐंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन के चेयरमैन बछराज बामलवा ने दिलीप कुमार झा को दिए साक्षात्कार में कहा कि खास तौर से शादी-विवाह के सीजन में उद्योग घटती मांग का सामना कर रहा है, लिहाजा उद्योग पर और भार बढऩे से यह बुरी तरह चरमरा जाएगा। पेश है बातचीत के मुख्य अंश / January 27, 2012 |
आयात शुल्क में बढ़ोतरी से घरेलू सोने व हीरे के आभूषण उद्योग पर किस तरह का असर पड़ेगा?
आयात शुल्क में बढ़ोतरी भारतीय आभूषण उद्योग को निरुत्साहित कर देगा। रुपये में मजबूती के चलते हालांकि तत्काल इसका प्रभाव महसूस नहीं हुआ है, लेकिन लंबी अवधि में उद्योग पर इसका प्रभाव नजर आएगा।
कच्चे सोने व रिफाइंड सोने के आयात शुल्क में 1 फीसदी के अंतर से क्या भारत में कच्चे सोने का आयात बढ़ेगा?
नहीं, क्योंकि सरकार ने स्वर्ण अयस्क व कच्चे सोने से तैयार किए जाने वाली सिल्लियों पर 1.5 फीसदी का उत्पाद शुल्क लगाया है, जो कच्चे व रिफाइंड सोने के आयात शुल्क के अंतर से मिलने वाले लाभ को समाप्त कर देता है।
उद्योग और कारोबार को हालांकि ऊंचे शुल्क का बोझ सहना पड़ेगा, इसके बदले सरकार से किस चीज की उम्मीद है?
एक ओर जहां सरकार विकसित देशों की तरह जीएसटी जैसी सरलीकृत कर व्यवस्था लागू करने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी ओर वह कच्चे माल पर आयात शुल्क बढ़ा रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आयात शुल्क में बढ़ोतरी से तस्करी को बढ़ावा मिलेगा। आपकी राय?
आयात शुल्क में बढ़ोतरी से निश्चित तौर पर पड़ोसी देशों से तस्करी को बढ़ावा मिलेगा। (BS Hindi)
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