इस माह वैश्विक बाजार में तांबे के दाम करीब 10 फीसदी और घरेलू बाजार में 5 फीसदी से ज्यादा बढ़ चुके हैं। धातु विश्लेषकों का कहना है कि बीते साल खासतौर पर यूरोप में तेजी से आर्थिक हालात बिगड़े, लेकिन फिलहाल यूरोप, अमेरिका में स्थिरता देखी जा रही है। भंडारण बढ़ाने के लिए पिछले माह चीन ने भी तांबे की ज्यादा खरीदारी की है। साथ ही डॉलर भी यूरो की तुलना में नरम हुआ है। यही कारण है कि तांबे की कीमतों में तेजी आई है। धातु विश्लेषकों के मुताबिक अगले सप्ताह से चीन में छुट्टियों के चलते बाजार बंद रहने वाले हैं, जिससे तांबे की मांग घट सकती है। ऐसे में तांबे की कीमतों में तेजी थमने की संभावना है। ऊपरी स्तरों पर खरीद घटने से भी तांबा नरम हो सकता है।
लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) में बीते दो सप्ताह के दौरान तांबे के दाम 7,537 डॉलर से बढ़कर 8,300 डॉलर प्रति टन को पार कर चुके हैं। एमसीएक्स में तांबा फरवरी अनुबंध के भाव 402 रुपये से बढ़कर 425 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए हैं।
ऐंजल ब्रोकिंग के सह निदेशक (जिंस व मुद्रा) नवीन माथुर ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि अमेरिका में आर्थिक हालात सुधर रहे हैं और यूरोप में भी स्थिरता का माहौल है। आर्थिक मोर्चे पर इसी स्थिरता से तांबे की कीमतों में तेजी को समर्थन मिल रहा है। कमोडिटीइनसाइटडॉटकॉम के धातु विश्लेषक अभिषेक शर्मा का कहना है कि पिछले महीने चीन ने तांबे का भंडारण बढ़ाया है, जिससे दिसंबर में चीन का तांबा आयात 47.7 फीसदी बढ़कर 5.08 लाख टन हो गया। दिल्ली के तांबा कारोबारी सुरेशचंद गुप्ता ने कहा कि घरेलू बाजार में मांग सामान्य ही है, पर वैश्विक कारणों से दाम जरूर बढ़े हैं।
शर्मा का कहना है कि अगले स्पताह से प्रमुख उपभोक्ता देश चीन में छुट्टियों (लुनार नव वर्ष) के कारण 10 दिन बाजार बंद रहने वाले हैं। इससे वैश्विक बाजार में तांबे की मांग गिरेगी। ऐसे में अगले माह तक तांबे के दाम गिरकर 400 रुपये प्रति किलोग्राम से नीचे जा सकते हैं। (BS Hindi)
20 जनवरी 2012
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