आर.एस. राणा < नई दिल्ली
<>क्रेडिट कार्डधारक किसानों को वेयरहाउस रसीद पर बैंकों से सात फीसदी ब्याज दर पर कर्ज मिलेगा। इस संबंध में नए दिशानिर्देश वित्त मंत्रालय ने 28 दिसंबर को सभी संबंधित विभागों को भेज दिए हैं। सस्ती दर पर जिंस की एवज में ऋण मिलने से देशभर के किसान लाभान्वित होंगे और वे भंडारण विकास एवं नियामक प्राधिकरण (डब्ल्यूडीआरए) से मान्यता प्राप्त गोदामों में कृषि उपज रखने के लिए प्रोत्साहित होंगे। डब्ल्यूडीआरए ने देशभर में 200 वेयरहाउसों को रसीद जारी करने के लिए मान्यता दी है।
डब्ल्यूडीआरए के डायरेक्टर (टेक्निकल) डॉ. एन. के. अरोड़ा ने बिजनेस भास्कर को बताया कि मान्यता प्राप्त वेयरहाउस की रसीद पर क्रेडिट कार्डधारक किसानोंं को बैंकों से अब सात फीसदी की दर से ऋण मिलेगा। इसके लिए वित्त मंत्रालय ने अपनी मंजूरी दे दी है। इससे देशभर के करोड़ों किसानो को फायदा होगा। हालांकि जिन किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड नहीं है, उन किसानों और कारोबारियों को 11-12 फीसदी की ब्याज दर पर ही वेयरहाउस रसीद के आधार पर ऋण मिलेगा। इन वर्गों को भी कम ब्याज पर कर्ज उपलब्ध कराने के लिए सरकारी स्तर पर बातचीत चल रही है।
उन्होंने बताया कि डब्ल्यूडीआरए अभी तक वेयरहाउस रसीद देने के लिए देशभर में 200 वेयरहाउसों को मान्यता प्रदान कर चुका है। जिनकी खाद्यान्न भंडारण क्षमता लगभग 6.5 लाख टन की है। इसमें सबसे ज्यादा 47 वेयरहाउस राजस्थान में हैं। इसके अलावा तमिलनाडु में 43 वेयरहाउस, आंध्र प्रदेश में 35 वेयरहाउस, महाराष्ट्र में 22, हरियाणा में 15, केरल में 9, पंजाब में 4 और मध्य प्रदेश में 3 वेयरहाउस है। उन्होंने बताया कि अब किसानों पर नई फसल की आवक के समय अपनी जिंस बेचने का दबाव नहीं होगा। किसान वेयरहाउस में अपनी जिंस रखकर उसके द्वारा प्राप्त हुई रसीद के आधार पर बैंकों से आसानी से ऋण प्राप्त कर सकेंगे।
अभी तक वेयरहाउस रजिस्ट्रेशन के लिए देशभर से 404 आवेदन मिल चुके हैं जिनकी भंडारण क्षमता लगभग 15 लाख टन की है। इनमें सबसे ज्यादा आवेदन राजस्थान से प्राप्त हुए हैं। अरोड़ा ने बताया कि अभी तक मान्यता प्राप्त वेयरहाउसों की ओर से 958 नेगोशिएबल वेयरहाउस रसीद (एनडब्ल्यूआर) जारी की जा चुकी हैं। निगम ने वेयरहाउस में रखने के लिए 40 एग्री जिंसों को अधिकृत किया है।
वेयर हाउसों को मान्यता देने के लिए डब्ल्यू डीआरए ने सात एजेंसियों को अधिकृत किया है। इनमें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर मार्केटिंग (एनआईएएम) को राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पंजाब में वेयरहाउसों को मान्यता देने की जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने कहा कि किसान को अपनी जिंस की ग्रेडिंग, क्लीनिंग, पैकिंग और लेवलिंग करके वेयरहाउस में रखना चाहिए। इससे जिंस की क्वालिटी अच्छी रहेगी।(Business Bhaskar....R S Rana)
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