आर.एस. राणा <>नई दिल्ली
<>इंडोनेशिया फरवरी से क्रूड पाम तेल पर निर्यात शुल्क में 1.5 फीसदी और आरबीडी पामोलीन के निर्यात शुल्क में 1 फीसदी की बढ़ोतरी करेगा। इंडोनेशिया पाम ऑयल एसोसिएशन के अनुसार फरवरी से क्रूड पाम तेल पर निर्यात शुल्क बढ़कर 16.5 फीसदी और आरबीडी पामोलीन पर 8 फीसदी हो जाएगा। इंडोनेशिया के इस फैसले से भारतीय बाजारों में खाद्य तेलों के दाम बढऩे की संभावना है। इससे भारतीय खाद्य तेल रिफाइनरी इकाइयों के लिए मुश्किल और बढ़ जाएगी। क्रूड पाम तेल का निर्यात शुल्क आरबीडी पाम तेल के निर्यात शुल्क से करीब दोगुना होने से रिफाइनरी इकाइयों के मार्जिन पर दबाव बढ़ जाएगा।
इंडोनेशिया पाम ऑयल एसोसिएशन के अनुसार घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए खाद्य तेलों के निर्यात शुल्क में बढ़ोतरी की जा रही है। इस समय क्रूड पाम तेल पर 15 फीसदी और आरबीडी पामोलीन में 7 फीसदी निर्यात शुल्क लगता है। फरवरी से इनके निर्यात शुल्क में क्रमश: 1.5 फीसदी और 1 फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी। विजय सॉल्वैक्स लिमिटेड के डायरेक्टर विजय डाटा ने बताया कि क्रूड पाम तेल पर निर्यात शुल्क ज्यादा होने के कारण आयातक आरबीडी पामोलीन का आयात ज्यादा मात्रा में करेंगे। इससे घरेलू रिफाइनिंग इंडस्ट्री प्रभावित होगी। इस समय भी घरेलू उद्योग कुल क्षमता का केवल 50 फीसदी ही उपयोग कर पा रहा है। उन्होंने बताया कि इससे क्रूड पाम तेल और आरबीडी पामोलीन की कीमतों में अंतर भी कम होगा। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के कार्यकारी अधिकारी डॉ. बी. वी. मेहता ने बताया कि इंडोनेशिया द्वारा क्रूड पाम तेल और आरबीडी पामोलीन के निर्यात शुल्क में बढ़ोतरी का असर घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों पर पड़ेगा। वैसे भी रबी सीजन में तिलहनों की बुवाई में कमी आई है। उन्होंने बताया कि आरबीडी पामोलीन का आयात ज्यादा मात्रा में होगा तथा आयातक इंडोनेशिया के बजाय मलेशिया से ज्यादा मात्रा में आयात करेंगे। भारतीय बंदरगाह पर इस समय क्रूड पाम तेल का भाव 1,035 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) और आरबीडी पामोलीन का भाव 1,070 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) है। जबकि दिसंबर महीने में क्रूड पाम तेल का भाव 1,047 और आरबीडी पामोलीन का 1,152 डॉलर प्रति टन था। एसईए के अनुसार नवंबर-दिसंबर में खाद्य तेलों के आयात में सात फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल आयात 15.25 लाख टन का हुआ है। इसमें क्रूड पाम तेल की हिस्सेदारी 10.47 लाख टन है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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