नई दिल्ली दुग्ध उत्पादों के मामले में आयात पर निर्भरता कम करने के लिए दूध का घरेलू उत्पादन बढ़ाना जरूरी है। इंडियन डेयरी एसोसिएशन (आईडीए) के अनुसार अगले दस साल में दूध की घरेलू मांग बढ़कर 20 से 21 करोड़ टन हो जाएगी। जबकि चालू साल में दूध का घरेलू उत्पादन 11.50 करोड़ टन होने का अनुमान है।
आईडीए (उत्तर भारत) दिल्ली में दो से पांच फरवरी के दौरान डेयरी इंडस्ट्री कांफ्रेंस का आयोजन कर रहा है। आईडीए के अध्यक्ष डॉ. एन. आर. भसीन ने बताया कि कांफ्रेंस में देशभर से करीब 1,800 प्रतिनिधि भाग लेंगे, जिसमें करीब 100 प्रतिनिधि विदेश से होंगे। डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कोल्ड चेन को मजबूत किए जाने की आवश्यकता है।इसके अलावा सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क में कमी किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि आयात पर निर्भरता कम करने के लिए दूध के घरेलू उत्पादन में बढ़ोतरी जरूरी है। मांग के मुकाबले आपूर्ति कम होने के कारण वर्ष 2011 में 30 हजार टन एसएमपी और 15 हजार टन बटर ऑयल का आयात किया गया था।दूध उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए सरकार को उद्योग को प्रोत्साहन देना होगा। घरेलू बाजार में दूध के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। दिल्ली में फूल क्रीम दूध के दाम बढ़कर 37 से 38 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। (Business Bhaskar....R S Rana)
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