20 जनवरी, 2012 को चालू वित्तीय वर्ष (2011-12) में पूर्वी भारत में हरित क्रांति को बढ़ावा देने के लिए सात राज्यों को 332.87 करोड़ रूपये की राशि जारी की गई।
इस वर्ष के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के अंतर्गत इस उप-योजना के लिए 400 करोड़ रूपये निश्चित किए गए हैं। कार्यक्रम में चयनित राज्यों में चावल पर आधारित फसल पद्धति में सुधार करने का लक्ष्य रखा गया है।
पश्चिमोत्तर राज्यों की तुलना में पूर्वी भारत में दुगनी-तिगनी अधिक वर्षा, दोहन न किए गए अच्छी गुणवत्ता वाले भू-जल स्रोत तथा चावल, केला एवं गन्ने की सतत् पैदावार के लिए सामाजिक पूंजी के विपुल संसाधन इसके पक्ष में जाते हैं। इस क्षेत्र में बेहतर उत्पादन के लिए अपेक्षित प्राकृतिक संसाधनों की उपयुक्त उपलब्धता होते हुए भी कृषि उत्पादन तुलनात्मक रूप से कम है। योजना में यह लक्ष्य रखा गया है कि क्षेत्र की फसल पैदावार को बढ़ाने के लिए सिफारिश की गई कृषि प्रौद्योगिकी एवं पद्धतियों के पैकेज के माध्यम से गहन पैदावार की जाए।(PIB)
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