बिजनेस भास्कर दिल्ली/जयपुर
सरकार ने सोना, चांदी और प्लेटिनम जैसी कीमती धातुओं पर आयात शुल्क में बढ़ोतरी कर दी है। हालांकि इसे व्यापार घाटा कम करने की एक कोशिश के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन इससे गहनों की ऊंची कीमतों की मार से जूझ रहे उपभोक्ताओं की जेब और ज्यादा ढीली होगी। सरकार द्वारा मंगलवार को जारी अधिसूचना के अनुसार सोने के आयात पर मूल्य का दो फीसदी और चांदी पर छह फीसदी आयात शुल्क निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही सरकार ने इन धातुओं पर लगने वाले उत्पाद शुल्क की संरचना को भी मूल्य आधारित कर दिया है। इससे सरकार को चालू वित्त वर्ष के बाकी महीनों में करीब 500-600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने का अनुमान है।
सोने पर अभी तक 300 रुपये प्रति दस ग्राम की दर से आयात शुल्क लिया जाता था। अब कीमत का दो फीसदी बतौर आयात शुल्क चुकाना होगा। इसी तरह चांदी पर अभी तक 1500 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से आयात शुल्क लिया जा रहा था जिसे बदलकर मूल्य का छह फीसदी कर दिया गया है। सोने पर उत्पाद शुल्क भी 200 रुपये प्रति दस ग्राम के बजाय मूल्य का 1.5 फीसदी कर दिया गया है। चांदी पर यह मूल्य का चार फीसदी होगा जो पहले 1,000 रुपये प्रति किलोग्राम था। अधिसूचना के मुताबिक अब हीरे पर भी दो फीसदी आयात शुल्क लगेगा। मंगलवार को दिल्ली सराफा बाजार में सोने के दाम 35 रुपये बढ़कर 27,925 रुपये प्रति दस ग्राम हो गए। चांदी की कीमतों में 575 रुपये की तेजी आई और भाव 52,725 रुपये प्रति किलो हो गए।
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड के चेयरमैन एस.के. गोयल ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सोने और चांदी की कीमतों में बहुत अधिक तेजी आई है। इसलिए यह बदलाव बाजार के अनुरूप ही किया गया है। राजेश एक्सपोट्र्स के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन राजेश मेहता ने सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि इसे वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, पहले सोने पर 30 रुपये प्रति 10 ग्राम की दर से ड्यूटी लगती थी। तीन फीसदी सेस के साथ यह 30.90 रुपये पड़ता था। नए आदेश से इसमें मौजूदा भाव पर करीब 25 रुपये (या 250 रुपये प्रति 10 ग्राम) का इजाफा हो जाएगा। ज्वेलर लागत में इस वृद्धि को रिटेल उपभोक्ता पर ही डालेंगे। हालांकि इससे मांग पर ज्यादा असर की संभावना कम है क्योंकि सोने के भाव में वैसे ही रोजाना एक से पांच फीसदी तक का उतार-चढ़ाव होता रहता है। ड्यूटी के कारण बढऩे वाली कीमत को भी उपभोक्ता एक मूल्यवृद्धि मान लेंगे। मेहता ने कहा कि चांदी पर ड्यूटी को 1500 रुपये प्रति किलो से बढ़ाकर छह फीसदी किया गया है, इससे आज के भाव पर वास्तविक ड्यूटी करीब 3100 रुपये की होगी। यानी उपभोक्ता के लिए इसकी कीमत लगभग 1600 रुपये प्रति किलो बढ़ जाएगी। (Business Bhaskar.....R S Rana)
जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के अध्यक्ष राजीव जैन ने कहा कि इससे घरेलू बाजार में कीमतों में और इजाफा होगा। बढ़े आयात शुल्क का सीधा भार उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। आयात शुल्क में दोगुने से अधिक बढ़ोतरी सहने की दशा में फिलहाल ज्वैलरी उद्योग नहीं है, क्योंकि कीमती धातुओं में अरसे से लगातार तेजी का माहौल है। नंदकिशोर मेघराज फर्म के मनोहर मेघराज के अनुसार आयात शुल्क बढ़ाना वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार उचित नहीं है। कीमतों में भारी तेजी रहने से ज्वैलर्स का मुनाफा पहले ही प्रभावित हो रहा है। बढ़ी दरों को जोडऩे से ग्राहकी पर विपरीत असर पड़ेगा। इससे निर्यात कारोबार में मंदी के बाद घरेलू बाजार में बिक्री की आस देख रहे ज्वैलर्स को निराशा होंगी।
20 जनवरी 2012
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