तेजी का असर
बीते वर्ष 2011 में आयात 8.4' गिरकर 878 टन रहा
रिकॉर्ड कीमत होने के कारण सोने की खरीद में कमी दर्ज
त्योहारी सीजन होने के बावजूद सोने की मांग गिरी
भारत में चौथी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में सोने का आयात 56 फीसदी घटकर 125 टन रह गया। बीते साल में जनवरी से दिसंबर तक सोने के आयात में 8.4 फीसदी की कमी दर्ज की गई। ऊंची कीमत और ज्यादा ब्याज दरों के चलते सोने की मांग में यह कमी आई है।
मुंबई बुलियन एसोसिएशन अध्यक्ष पृथ्वीराज कोठारी ने बताया कि भारत में लोगों का सोने के प्रति सदियों से गजब का आकर्षण रहा है। वर्ष 2011 में भारत में सोने का आयात 878 टन का रहा जबकि वर्ष 2010 के दौरान यह 958 टन रहा था। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) ने नवंबर में कहा था कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले देश भारत से सोने की खरीद चौथी तिमाही में बढ़ जाएगी।
लेकिन आयात में गिरावट दर्ज की गई है। वर्ष 2010 की समान अवधि के दौरान भारत से सोने की खरीद 281 टन रही थी। कुल मिलाकर बीते साल में सोने का भारत में आयात 1,000 टन से ज्यादा का रहा था।
कैलेंडर वर्ष 2011 की अंतिम तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में त्योहारी मांग और शादियों के सीजन की मांग निकलने से सामान्य तौर पर सोने की मांग ज्यादा रहती है। यह दुर्लभ ही होता है कि तीसरी तिमाही के मुकाबले चौथी तिमाही में सोने की मांग में कमी दर्ज की जाए। कोठारी ने कहा कि वर्ष 2010 के मुकाबले वर्ष 2011 में अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक सोने की मांग में जबरदस्त कमी आई। उन्होंने कहा कि लोग नवंबर में भी सोने की बिक्री कर रहे थे। (Business Bhaskar)
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