कपास की कीमतें चालू महीने में उत्पादक मंडियों में भले ही बढ़ी हों, लेकिन इस दौरान कमोडिटी एक्सचेंजों में इसके दाम लगातार घटे हैं। ऐसे में स्टॉकिस्टों की सक्रियता कम करने के लिए वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) ने कपास के सभी वायदा अनुबंधों की खरीद और बिक्री पर
10 फीसदी का अतिरिक्त मार्जिन लगा दिया है। एफएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एनसीडीईएक्स के साथ ही एमसीएक्स पर कपास के चल रहे सभी महीनों के वायदा अनुबंधों पर 10 फीसदी का अतिरिक्त मार्जिन लगाया है। यह मार्जिन खरीद और बिक्री करने वाले दोनों तरह के निवेशकों पर लागू होगा तथा 27 जनवरी से ही यह प्रभावी हो गया है। उन्होंने बताया कि वायदा बाजार में कपास की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव नहीं हो, इसके लिए यह कदम उठाया गया है। मार्जिन में बढ़ोतरी करने से वायदा एक्सचेंजों पर कपास की कीमतें सीमित दायरे में रहने की संभावना है जिससे निवेशकों को सौदे करने में आसानी होगी। ब्रोकिंग फर्म ऐंजल कमोडिटीज के एग्री विश्लेेषक बदरुद्दीन ने बताया कि महीनेभर में हाजिर बाजार में कपास की कीमतों में तेजी आई है लेकिन वायदा बाजार में पिछले दस दिनों में इसके दाम घटे हैं। अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास का भाव 31 दिसंबर को 35,100 से 37,500 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) था जबकि शनिवार को इसका भाव बढ़कर 37,200 से 37,500 रुपये प्रति कैंडी हो गया। इसके उलट एनसीडीईएक्स पर अप्रैल महीने के वायदा अनुबंध में पिछले दस दिनों में 12.1 फीसदी की गिरावट आई है। 19 जनवरी को अप्रैल महीने के वायदा अनुबंध में कपास का भाव 995 रुपये प्रति 20 किलो था जबकि शनिवार को भाव घटकर 874 रुपये प्रति 20 किलो रह गया। उन्होंने बताया कि कपास के वायदा कारोबार में सट्टेबाजी नहीं हो पाए, इसलिए एफएमसी ने अतिरिक्त मार्जिन लगाया है।
मालूम हो कि ग्वार और ग्वार गम की कीमतों में आई भारी तेजी को रोकने के लिए एफएमसी ने ग्वार और ग्वार गम के वायदा अनुबंधों पर अतिरिक्त मार्जिन लगाया था। लेकिन ग्वार गम में निर्यातकों की भारी मांग बनी हुई है। ऐसे में अतिरिक्त मार्जिन लगाने के बावजूद भी कीमतों में तेजी का ही रुख बना हुआ है। (Business Bhaskar....R S Rana)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें