नई वैरायटीएनआरसीडीआर-2एनआरसीएचबी-506एनआरसीएचबी-101एनआरसीडीआर-601एनआरसीवाईएस-05-02
अधिक उपज और कम समय में पकने वाली सरसों की पांच नई किस्मों का विकास किया गया है। सरसों अनुसंधान निदेशालय (डीआरएमआर) के डायरेक्टर डॉ. जे.एस. चौहान ने बताया कि अलग-अलग क्षेत्रों में वहां की जलवायु के आधार पर अधिक पैदावार देने वाली एनआरसीडीआर-2, एनआरसी एचबी-506, एनआरसीएचबी-101, एनआरसीडीआर-601 और एनआरसीवाईएस -05-02 किस्में हैं। उन्होंने बताया कि देश में खाद्य तेलों की मांग लगातार बढ़ रही है।
जबकि देश में तिलहनों के कुल उत्पादन में सरसों का योगदान 27 फीसदी है। ऐसे में सरसों की ज्यादा उपज देने वाली किस्मों से किसान को तो अधिक आय होगी ही, साथ में खाद्य तेलों की उपलब्धता भी बढ़ेगी। एनआरसीडीआर-2 और एनआरसीडीआर-601 किस्मों में बुवाई के समय उच्च तापमान सहने की क्षमता है।
उन्होंने बताया कि एनआरसी डीआर-2 किस्म से किसान प्रति हैक्टेयर 1,951-2,626 किलोग्राम तक उत्पादन ले सकते हैं। इसकी पकाई की अवधि 131-156 दिन की है। ये किस्म पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के लिए उपयुक्त है। एनआरसीएचबी-506 शंकर किस्म है तथा इससे प्रति हैक्टेयर उत्पादन 1,550-2,542 किलोग्राम और इसकी पकाई की अवधि 127-148 दिन की है। यह किस्म उत्तर प्रदेश और राजस्थान के लिए विकसित की गई है।
एनआरसीएचबी-101 किस्म उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों के लिए है। इस किस्म का उत्पादन 1,382-1,491 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर और पकाई की अवधि 105-135 दिन है। एनआरसीडीआर-601 किस्म से किसान प्रति हैक्टेयर उत्पादन 1,938-2,626 किलोग्राम और पकाई की समयावधि 137-151 दिन की है। यह किस्म पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के लिए अनुकूल है। एनआरसीवाईएस-05-02 किस्म की उत्पादन क्षमता 1,239-1,715 हैक्टेयर प्रति किलोग्राम और पकाई की अवधि 94-181 दिन की है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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