चालू सीजन में कपास की पैदावार पिछले साल की तुलना में करीब 41% ज्यादा होने का अनुमान है। ऐसे में कपास खली की उपलब्धता भी पिछले साल के मुकाबले ज्यादा होगी। कपास की कीमतें घरेलू बाजार में रिकार्ड स्तर पर चल रही है इससे कपास खली की कीमतों में भी चालू महीने में करीब 14.5' की तेजी आई है। लेकिन ऊंचे भावों में निवेशकों की मुनाफावसूली से शुक्रवार को वायदा बाजार में २' की गिरावट दर्ज की गई। ऊंचे भावों में कपास खली में स्टॉकिस्टों की मांग भी कमजोर है इसीलिए मौजूदा कीमतों में और भी मंदा आने की संभावना है।
वायदा में मुनाफावसूली से नरमी नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) पर कपास खली के फरवरी महीने के वायदा अनुबंध में निवेशकों की मुनाफावसूली से नरमी दर्ज की गई। शुक्रवार को फरवरी महीने के वायदा अनुबंध में कपास खली की कीमतें घटकर 1,175 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुई जबकि 27 जनवरी को इसका भाव बढ़कर 1,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गया था। फरवरी महीने के वायदा अनुबंध में 61,720 लॉट के सौदे खड़े हुए हैं। कमोडिटी विश£ेशक अभय लाखवान ने बताया कि ऊंचे भावों में स्टॉकिस्टों की मांग भी नहीं है जबकि कपास खली की उपलब्धता पिछले साल की तुलना में ज्यादा है। इसीलिए मौजूदा कीमतों में और भी गिरावट आने की संभावना है। पहली जनवरी को फरवरी महीने के वायदा अनुबंध का भाव 1,048 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि 27 जनवरी को भाव बढ़कर 1,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गया था।
कपास की पैदावार ज्यादा कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक चालू सीजन में देश में कपास का उत्पादन 339 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) होने का अनुमान है जोकि पिछले साल के मुकाबले 100 लाख गांठ ज्यादा है। वर्ष 2009-10 में देश में कपास का 239 लाख गांठ का ही उत्पादन हुआ था। हालांकि उद्योग सूत्रों के अनुसार चालू फसल सीजन में देश में कपास का उत्पादन 310 लाख गांठ के करीब ही होगा।
कपास खली की उपलब्धता ज्यादा कमल कॉटन प्रा. लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर राकेश राठी ने बताया कि सरकार के कपास उत्पादन अनुमान 339 लाख गांठ के हिसाब से बिनौले की उपलब्धता चालू सीजन में 10 करोड़ 95 लाख क्विंटल की बैठेगी। इसके आधार पर कपास खली की उपलब्धता करीब 9 करोड़ 20 लाख क्विंटल की होनी चाहिए। उत्पादक मंडियों में अभी तक करीब 180 लाख गांठ कपास की आवक हो चुकी है इसलिए आगामी दिनों में पेराई होने से बिनौले की उपलब्धता बढ़ जायेगी। जिससे उत्पादक मंडियों में कपास खली की कीमतों में गिरावट की संभावना है।
ऊंचे भावों में मांग कमजोर अकोला मंडी के थोक व्यापारी बिजेंद्र गोयल ने बताया कि कपास खली की ऊंची कीमतों में स्टॉकिस्टों की मांग कमजोर है। कपास के दाम ऊंचे होने से खली की कीमतें भी बढ़ गई है। अकोला मंडी में शुक्रवार को कपास खली का भाव 1,180 रुपये, नांनदेड़ में 1,200 रुपये, गंगानगर में 1,220 रुपये और पंजाब-हरियाणा की मंडियों में 1,300 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं।
उत्पादक मंडियों में कपास की आवक नार्थ इंडिया कॉटन एसोसिएशन के अनुसार उत्तर भारत की मंडियों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की मंडियों में कपास की दैनिक आवक घटकर दस हजार गांठ की रह गई है। उत्तर भारत में करीब 80-85 फीसदी कपास आ चुकी है अब केवल 15-20 फीसदी ही कपास बची हुई है इसीलिए आगामी दिनों में उत्तर भारत में आवक कम रहेगी।
लेकिन गुजरात, महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश की मंडियों में आवक बढ़ जायेगी। गुजरात की मंडियों में शुक्रवार को कपास की आवक करीब 50 हजार गांठ और महाराष्ट्र की मंडियों में 30 हजार गांठ की हुई। शुक्रवार को अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास का भाव बढ़कर 50,000 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया। (Business Bhaskar.....R S Rana)
03 फ़रवरी 2011
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