मुंबई February 22, 2011
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में एक निजी कंपनी में काम करने वाले लात्विक मिश्रा पिछले शुक्रवार से पहले काफी चिंतित थे, लेकिन जब उनकी मुलाकात शहर के हीरे के आभूषण निर्माता कंपनी के अधिकारियों से हुई तो उनकी चिंता दूर हो गई। दरअसल 2 लाख रुपये के बजट में मिश्रा अपनी बहन की शादी की खातिर सोने का आभूषण खरीदना चाहते थे। लेकिन उन्होंने अपना मन बदल लिया। अब वह सोने के आभूषण की बजाय उसी बजट में हीरे के आभूषण खरीदने के इच्छुक हैं। मिश्रा को लगता है कि सोने के आभूषण के बजाय रंगारंग रत्नजडि़त हीरे के आभूषण पहनकर उनकी बहन ज्यादा गौरवान्वित महसूस करेंगी, जो कि पहले असंभव था। हीरे के आभूषण की खरीद के साथ अब बायबैक की पेशकश की पेशकश की जा रही है और इस बाबत इसकी पुनर्खरीद कीमत 90 फीसदी दी जा रही है। उपभोक्ताओं का भरोसा जीतने के लिए आभूषण निर्माता धातुओं व कीमती रत्नों की शुद्धता के प्रमाणपत्र की भी पेशकश कर रहे हैं। मिश्रा ने कहा कि पहले कुछ मशहूर लोगों तक सीमित हीरे के आभूषण आम लोगों तक पहुंच पाएंगे और आपातकाल में सोने के आभूषण की तरह इसे बेचने का विकल्प भी उपलब्ध होगा।जेम्स ऐंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के चेयरमैन और संभव जेम्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक राजीव जैन कहते हैं - हीरे के आभूषण की दुकान पहुंचने के बाद मिश्रा की तरह दूसरे लोग भी अपना नजरिया बदल रहे हैं। जैन ने कहा कि यही वजह है कि भारत में जेम्स ऐंड ज्वैलरी इंडस्ट्री की चमक वैसे समय में वापस लौट आई है, जब भारत व विश्व के दूसरे उद्योग अभी भी साल 2008 के आर्थिक संकट से उबरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।साल 2010 में हीरा आभूषण उद्योग में 30 फीसदी की बढ़त आई है क्योंकि उपभोक्ता फैशन के साथ-साथ निवेश के विकल्प के तौर पर इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। जैन ने कहा कि इन दोनों वजहों से हीरे के आभूषण की बिक्री बढ़ी है। इस साल भी हीरा आभूषण उद्योग में इसी तरह का रफ्तार जारी रहने की संभावना है। साल 2011 में हीरा आभूषण उद्योग 20 फीसदी की बढ़त हासिल कर सकता है, बावजूद इसके कि कच्चे माल मसलन कीमती धातुओं व रत्नों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। (BS Hindi)
23 फ़रवरी 2011
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