चालू वित्त वर्ष (2010-11) के दौरान खाद्यान्न उत्पादन में 6.3 फीसदी वृद्धि का अनुमान है। केंद्र सरकार द्वारा बुधवार को जारी दूसरे अग्रिम अनुमानों के अनुसार इस बार उत्पादन 23.20 करोड़ टन रह सकता है। हालांकि यह 2008-09 के 23.44 करोड़ टन के रिकॉर्ड उत्पादन से कम है, लेकिन 2009-10 के 21.81 करोड़ टन से छह फीसदी ज्यादा है। इस साल गेहूं, दलहन और कपास के रिकॉर्ड उत्पादन का अुनमान है।
इससे महंगाई पर अंकुश लगाने में मदद मिल सकती है। कृषि मंत्री शरद पवार ने अनुमान जारी करते हुए कहा कि बिहार, झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के कई जिलों में सूखे जैसे हालात बनने और कई राज्यों में चक्रवातों, बे-मौसमी वर्षा और पाले से फसलों को नुकसान होने के बावजूद खाद्यान्न उत्पादन पिछले साल से ज्यादा रहेगा। इस बार गेहूं का 814.7 लाख टन रिकार्ड उत्पादन होने का अनुमान है।
वर्ष 2009-10 में गेहूं का उत्पादन 808 लाख टन का था। चावल का उत्पादन पिछले साल 890.9 लाख टन का था जो इस बार 940.1 लाख टन तक पहुंच सकता है। दलहन का उत्पादन भी 146.6 लाख टन से बढ़कर 165.1 लाख टन के रिकार्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। मोटे अनाजों का उत्पादन 335.5 लाख टन के मुकाबले 400.8 लाख टन रह सकता है।
कपास का उत्पादन भी वर्ष 2009-10 के 242.25 लाख गांठ से मुकाबले इस बर 339.27 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) के रिकार्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। तिलहन उत्पादन 248.82 लाख से बढ़कर 278.48 लाख टन पर पहुंच सकता है। गन्ने का उत्पादन भी 2,923.02 लाख से बढ़कर 3,366.98 लाख टन तक जा सकता है। हालांकि जूट के उत्पादन में कमी का अंदेशा है। (Business Bhaskar...R S Rana)
12 फ़रवरी 2011
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