नई दिल्ली February 16, 2011
बेहतर उत्पादन और वैश्विक बाजारों में इसके ऊंचे भाव की वजह से वर्ष 2010-11 में देश से मक्के का निर्यात तिगुना से अधिक होकर 25 लाख टन पहुंच सकता है। अमेरिकी अनाज परिषद (यूएसजीसी) ने व्यापारियों की रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह बात कही।
पिछले साल 70 हजार टन मक्के का निर्यात किया गया था। सरकार के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार मक्के का उत्पादन 2010-11 में 2.003 करोड़ टन रह सकता है जबकि इसकी घरेलू मांग 1.7 से 1.8 करोड़ टन रहने का अनुमान है। यूएसजीसी के भारतीय प्रतिनिधि अमित सचदेव ने कहा, 'व्यापारियों को उम्मीद है कि मक्के का निर्यात 2010-11 के विपणन वर्ष में 25 लाख टन रहने का अनुमान है।
इसका कारण बेहतर उत्पादन और वैश्विक स्तर पर कीमत में मजबूत रूख है।Ó अमेरिका में मक्के फसल को हुए नुकसान की वजह से इसकी आपूर्ति घटने की आशंका है। इसके चलते वैश्विक बाजारों में इसके दाम लगातार बढ़ रहे हैं। फिलहाल वैश्विक स्तर पर मांग एवं आपूर्ति की बीच अंतर करीब 20 लाख टन है। (BS Hindi)
16 फ़रवरी 2011
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