22 फ़रवरी 2011
जौ में मूल्य वृद्धि की संभावना
माल्ट कंपनियों की मांग बढऩे से जौ की कीमतों में करीब आठ से दस फीसदी तेजी आने की संभावना है। चालू महीने में इसकी कीमतों में 3.7 फीसदी की तेजी आ चुकी है। सोमवार को जौ का भाव बढ़कर 1,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। उधर उत्पादक मंडियों में स्टॉक सीमित मात्रा में बचा हुआ है जबकि नई फसल आने में अभी करीब एक महीने का समय शेष है। इसीलिए जौ में तेजी की संभावना बन रही है। इम्पीरियल माल्ट लिमिटेड के डायरेक्टर संजय यादव ने बताया कि माल्ट कंपनियों के पास स्टॉक सीमित मात्रा में ही बचा हुआ है। जबकि नई फसल करीब एक महीना बाद आयेगी। इसीलिए माल्ट कंपनियों की खरीद पहले की तुलना में बढ़ गई है। वैसे भी विश्व स्तर पर जौ का उत्पादन कम होने की आशंका से दाम ऊंचे बने हुए है।श्रीगिरी राज ट्रेडिंग कार्पोरेशन के डायरेक्टर सीताराम शर्मा ने बताया कि राजस्थान की मंडियों में जौ का स्टॉक साढ़े चार-पांच लाख बोरी (एक बोरी-80 किलो) का ही बचा हुआ है। जबकि हरियाणा की मंडियों में भी स्टॉक साढ़े तीन से चार लाख बोरियों का ही होने का अनुमान है। बीयर की मांग बढऩे से माल्ट कंपनियों की खरीद जौ में पहले की तुलना में बढ़ गई है। जबकि पशु आहार वालों की मांग भी जौ में अच्छी बनी हुई है। इसीलिए उत्पादक मंडियों में पिछले पंद्रह-बीस दिनों में ही इसकी कीमतों में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 1,350 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मार्च के आखिर में नई फसल की आवक होने की संभावना है। ऐसे में मौजूदा कीमतों में और भी 100-150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आने का अनुमान है। कुंदन लाल परस राम एंड कंपनी के पार्टनर राजीव बंसल ने बताया कि उत्पादक मंडियों में जौ का स्टॉक कम बचा हुआ है जिससे स्टॉकिस्ट नीचे भाव में बिकवाली नहीं कर रहे है। पिछले बीस दिनों में इसकी कीमतों में 50-60 रुपये की तेजी आ चुकी है। सोमवार को गुडग़ांव पहुंच जौ के दाम बढ़कर 1,400-1,410 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। कृषि मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2010-11 में जौ का उत्पादन बढ़कर 160 लाख टन होने का अनुमान है। वर्ष 2009-10 में इसका उत्पादन 135 लाख टन का ही हुआ था। (Business Bhaskar...R S Rana)
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