निर्यात मांग कमजोर होने से इलायची की कीमतों में यहां से दस फीसदी गिरावट आने की संभावना है। भारत की तुलना में ग्वाटेमाला की इलायची का भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में कम है। इसीलिए भारत से चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों (अप्रैल से दिसंबर) के दौरान निर्यात में भी 41 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। ग्वाटेमाला के साथ ही भारत में इलायची की पैदावार पिछले साल की तुलना में ज्यादा होने की संभावना है।
इलायची में इस समय घरेलू मांग भी कमजोर है जिससे गिरावट को बल मिल रहा है। सेमैक्स एजेंसी के मैनेजिंग डायरेक्टर एम बी रुबारल ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत की तुलना में ग्वाटेमाला की इलायची सस्ती है इसीलिए ग्वाटेमाला से निर्यात ज्यादा हो रहा है। भारतीय इलायची का दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में 27 से 32 डॉलर प्रति किलो है।
जबकि ग्वाटेमाला की इलायची का दाम 23 -28 डॉलर प्रति किलो है। ग्वाटेमाला में चालू सीजन के दौरान इलायची की पैदावार भी पिछले साल के 17-18 हजार टन से बढ़कर 21-22 हजार टन होने का अनुमान है। इसीलिए ग्वाटेमाला के निर्यातक भाव घटाकर बिकवाली कर रहे हैं। इसलिए घरेलू बाजार में इलायची की मौजूदा कीमतों में और भी आठ से दस फीसदी की गिरावट आने की संभावना है। अग्रवाल स्पाइसेज के पार्टनर अरुण अग्रवाल ने बताया कि नीलामी केंद्रों पर इलायची की दैनिक आवक 200 से 250 टन की हो रही है। लेकिन मांग कमजोर होने से कीमतों में गिरावट बनी हुई है। पिछले एक महीने में इलायची की कीमतों में 250 रुपये प्र्रति किलो की गिरावट आ चुकी है।
नीलामी केंद्रों पर शुक्रवार को साढ़े छह एमएम की इलायची का भाव घटकर 1,140-1,150 रुपये, सात एमएम की इलायची का भाव 1,200-1,220 रुपये, साढ़े सात एमएम की इलायची का भाव 1,270-1,280 रुपये और आठ एमएम की इलायची का भाव 1,350-1,360 रुपये प्रति किलो रह गया। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों (अप्रैल से दिसंबर) के दौरान इलायची के निर्यात में 41 फीसदी की गिरावट आई है। इस दौरान भारत से 700 टन इलायची का निर्यात ही हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसका निर्यात 1,190 टन का हुआ था। चालू फसल सीजन में देश में इलायची का उत्पादन बढ़कर 16,000-16,500 टन होने का अनुमान है। पिछले साल इसका उत्पादन 13,500 टन का हुआ था।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर चालू महीने में इलायची की कीमतों में 20.8 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। फरवरी महीने के वायदा अनुबंध में चार जनवरी को इलायची का भाव 1,643 रुपये प्रति किलो था। जबकि शुक्रवार को भाव घटकर 1,301 रुपये प्रति किलो रह गया। किशोर स्पाइस कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत के साथ ही ग्वाटेमाला में भी इलायची उत्पादन बढऩे का अनुमान है। ग्वाटेमाला में इलायची की आवक बढ़ी है। ग्वाटेमाला कुल उत्पादन का करीब 90 फीसदी निर्यात करता है। इसीलिए ग्वाटेमाला के निर्यातक भाव घटाकर बिकवाली कर रहे हैं। (Business Bhaskar.....R S Rana)
05 फ़रवरी 2011
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